Advertisement

Delhi Budget 2023: सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, ‘प्लीज बजट मत रोकिए’

Share
Advertisement

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने राजधानी दिल्ली के बजट पर रोक लगा दी है। बता दें कि मंगलवार (21 मार्च) को दिल्ली का बजट पेश होना था, जो कि अब नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक इंटरव्यू में कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के बजट पर रोक लगा दी है। इसी के चलते विधानसभा में बजट पेश नहीं किया जाएगा।

Advertisement

सीएम केजरीवाल ने लिखा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में लिखा है कि ऐसा देश के 75 साल के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब किसी राज्य के बजट को रोक दिया गया है। केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखा कि दिल्ली वाले आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं कि हमारा बजट पास कर दीजिए। प्लीज बजट मत रोकिए। आप हम दिल्ली वालों से क्यों नाराज हैं?

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि भारत के इतिहास में पहली बार, गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को कल अपना वार्षिक बजट पेश करने से रोक दिया है। गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए बजट 10 मार्च को काफी पहले भेज दिया गया था।

इसलिए नहीं होगा आज दिल्ली का बजट पेश

राजधानी में दिल्ली सरकार बजट तैयार करके दिल्ली के एलजी को भेजती है। एलजी दिल्ली सरकार द्वारा तैयार किए गए बजट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजते हैं। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली विधानसभा में राजधानी का बजट पेश किया जाता है। लेकिन इस बार दिल्ली सरकार द्वारा तैयार किए गए बजट को एलजी ने 5 आपत्तियों के साथ गृह मंत्रालय को भेजा है। 17 मार्च को गृह मंत्रालय ने बजट में एलजी द्वारा दर्ज कराई गई 5 आपत्तियों को दूर करने का कहा था लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक भी इन आपत्तियों को दूर नहीं किया है।

ये हैं 5 आपत्तियां

78,880 करोड़ रुपये के बजट में से केवल 20 प्रतिशत हिस्सा पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किया गया है। जबकि विकास के सारे काम इसी मद से होते हैं। दिल्ली इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काम इसी के आधार पर होता है।

बिजली, पानी और बस टिकट के लिए सब्सिडी के रूप में 4,788 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एलजी पहले ही सवाल उठा चुके हैं कि डीईआरसी के कहने के बाद भी डीबीटी के जरिए सब्सिडी क्यों नहीं दी गई? क्या डीटीसी और जल बोर्ड को हुए नुकसान की भरपाई के लिए बजट पेश किया गया है। अगर डीटीसी और जलबोर्ड पहले से घाटे में हैं तो लोगों को मुफ्त में पानी और डीटीसी में महिलाओं को फ्री सफर की सुविधा मुफ्त कैसे दी जा सकती है?

बजट कहता है कि संसाधन की कमी के मामले में एनएसएसएफ जमा के खिलाफ 10000 करोड़ का ऋण लिया जा सकता है। इसका भुगतान बाद में सरकार को करना होता है। एलजी का कहना है कि इस कर्ज का बोझ दिल्ली की जनता पर भी पड़ेगा। इसका उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जाना चाहिए, भले ही इसके लिए कर्ज लेना पड़े। सब्सिडी न देना पड़े।

वर्ष 2022-23 के लिए एडी का संशोधित अनुमान 271 करोड़ है जबकि 511 करोड़ का बजट आवंटन किया गया। फिर इस साल के बजट में विज्ञापन का बजट 557 करोड़ क्यों रखा गया?

फिर, दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है और केंद्र सरकार की सभी योजनाएं यहां लागू होती हैं, लेकिन यहां के लोग आयुष्मान योजना का लाभ क्यों नहीं ले पा रहे हैं?

ये भी पढ़ें: Delhi Budget 2023: आज नहीं पेश होगा दिल्ली सरकार का बजट, केजरीवाल ने लगाए केंद्र पर ये आरोप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *