दिल्ली दंगों में 9 दोषी करार, कोर्ट ने कहा, ‘हिन्दुओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना था मकसद’

Share

दिल्ली दंगों (Delhi Riot 2020) में अदालत ने 9 लोगों को दोषी करार दिया है। बता दें कि दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। 2020 में हुए दंगों के मामले में ये फैसला सुनाया गया है। अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय के व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था। यह मामला दंगों के दौरान गोकुलपुरी इलाके में दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ से जुड़ा है।

असल में रेखा शर्मा नाम की महिला ने आरोप लगाया था कि तीन साल पहले 24-25 फरवरी को भीड़ ने उनके घर पर हल्ला बोल दिया था। सामान लूटा गया था और ऊपर वाली मंजिल पर जो रूम थे, उनमें आग लगा दी थी। उस वजह से घर को भारी नुकसान हुआ था। अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दावों को सही माना है और 9 आरोपियों को दोषी पाया है।

ये हैं दोषी

कोर्ट ने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल को दोषी करार दिया। जबकि राशिद उर्फ मोनू के खिलाफ दंगा, चोरी, आगजनी कर उपद्रव करने, संपत्तियों को आग लगाकर नष्ट करने और अवैध जमावड़े से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि इस मामले में आरोपी व्यक्ति एक अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा बन गए थे, जो सांप्रदायिक भावनाओं से प्रेरित थी और हिंदुओं से संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना एक सामान्य उद्देश्य था।

क्या है दिल्ली दंगे 2020

राजधानी में एक बार नहीं कई बार दंगे फसाद के मामले सामने आए हैं लेकिन 2020 के दंगों ने दिल्ली को हिलाकर रख दिया था। इन दंगों में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी। यह दंगा फरवरी साल 2020 में हुआ था। इस दंगे की शुरुआत उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई थी, जिसमें जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाके में काफी नुकसान हुआ था। इस दंगों की वजह से 53 लोगों की मौत और 500 से ज्यादा घायल हुए थे। दरअसल यह दंगे सीएए यानी नागरिक संसोधन कानून और एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ भड़के थे। इन दंगो में करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था।

ये भी पढ़ें: ABVP ने जामिया में CUET के माध्यम से सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ना कराने के विरुद्ध किया प्रदर्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *