झीरम कांड जांच आयोग में जोड़े गए दो नए जज, प्रशांत मिश्रा आयोग की रिपोर्ट मानने से सरकार का इन्कार

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रायपुर: झीरम घाटी हमले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यायिक जांच आयोग में नया अध्यक्ष बना दिया है इस आयोग में दो सदस्यों को रखा गया है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश के अग्निहोत्री को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। न्यायमूर्ति जी. निजामुद्दीन आयोग के सदस्य होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

आयोग की अधिसूचना में कहा गया कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो चुका है। इस बीच न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के स्थानांतरण भी आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में हो गया है।  सरकार ने आयोग में दोनों सदस्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है। यह आयोग पूर्व में जारी जांच के बिंदुओं के अतिरिक्त 3 नए बिंदुओं की जांच करेगी। इसमें पहला बिंदु है कि क्या हमले के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई ?

दूसरा बिंदु ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे ? तीसरे बिंदु में अन्य महत्वपूर्ण बिंदु जो परिस्थितियों के मुताबिक आयोग निर्धारित करें इस आयोग को 6 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश हुआ है।

क्या है झीरम हत्याकांड

साल 2013 का मई महीने के 25वें दिन को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर एक नक्सली हमले में 29 लोग मारे गए थे। कहा जाता है कि कि यह देश में किसी राजनीतिक दल पर हुआ सबसे बड़ा हमला था। इस हमले के दौरान मरने वालों में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, उदय मुदलियार, दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा भी शामिल थे।

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