छत्तीसगढ़ में भी ड्रोन और UAV-अनमैन्ड एरियल व्हीकल का उत्पादन जल्द शुरू होगा। इसके लिए एक कंपनी रायपुर में यूनिट लगाएगी। कंपनी ने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ इसका करार किया है। सरकार ने बायो एथेनॉल उत्पादन करने वाली एक कंपनी के साथ भी करार किया है। यह दोनों कंपनियां प्रदेश में 190 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करने जा रही हैं।
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित छत्तीसगढ़ बिजनेस समिट में डेबेस्ट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड ने अधिकारियों ने राज्य में निवेश की संभावनाओं पर बातचीत की। उसके बाद प्रदेश में ड्रोन और UAV उत्पादन यूनिट लगाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर हुए।
कंपनी की ओर से मनीष वाजपेई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। यह कंपनी 50 करोड़ 95 लाख रुपए का निवेश करेगी। एथेनॉल उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए एनकेजे बायोफ्यूल, दुर्ग ने भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह कंपनी 140 करोड़ का निवेश करेगी। कंपनी की ओर से राजेश गौतम ने हस्ताक्षर किए।
एमओयू पर हस्ताक्षर के समय नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्याम सुंदर बजाज, रुरल इंडस्ट्री के संचालक अरुण प्रसाद, राज्य औद्योगिक विकास निगम के कार्यकारी संचालक अनिल श्रीवास्तव भी मौजूद थे। बिजनेस समिट में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिक्स, लघु वनोपज, हस्तशिल्प और हथकरघा आदि क्षेत्रों में अवसरों और निवेश की संभावनाओं-सुविधाओं की जानकारी देकर कारोबारियों, उद्यमियों और निर्यातकों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
औद्योगिक नीति की भी जानकारी दी
उद्योग विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता ने बताया, छत्तीसगढ़ सरकार के नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में उद्योगों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरल बनाया है।उद्योगों को विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है।कई प्रकार की रियायतें व सुविधाएं प्रदान की जा रही है। स्टार्ट-अप के लिए विशेष पैकेज प्रदान किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कोर सैक्टर के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, लघु वनोपज और हस्तशिल्प और हथकरघा आदि क्षेत्रों में भी फोकस किया जा रहा है।
देश के सभी क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल होगा
आने वाले समय में सरकार के सभी मंत्रालय अपने फील्ड के कामों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे। गांव में लैंड मैपिंग का काम भी ड्रोन से होगा। रक्षा, स्वास्थ्य, मैनुफ़ैक्चरिंग, कार्गो आदि सभी क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। पीएम मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव ”भारत ड्रोन महोत्सव 2022” का उद्घाटन किया था। इस बीच पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान किसान ड्रोन पायलटों से बातचीत की और ओपन एयर ड्रोन उड़ान प्रदर्शन का अवलोकन भी किया था। केवल इतना ही नहीं पीएम मोदी ने इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप्स के लोगों से भी बातचीत और चर्चा की थी।
भविष्य में फ्यूचर ड्रोन का
वैसे देखा जाए तो भविष्य में फ्यूचर ड्रोन का ही है। आने वाले वक्त में आपको माइक्रो लेवल पर किस तरीके से मैनेजमेंट संभालना है, उन सब स्थितियों में किन सब चीजों पर आप निगाह रख सकते हैं, उसमें ड्रोन बहुत अहम भूमिका निभाएंगे। ड्रोन एग्रीकल्चर की यदि हम बात करें तो सरकार जिस तरीके से बात कर रही है कि किसानों की आय को बढ़ाया जाए और उन्हें एक ऐसे लेवल पर ले जाकर खड़ा किया जाए जहां वे आंत्रप्रेन्योरशिप की तरफ से आगे बढ़ें तो इन सबमें ड्रोन काम आता है।
इसके अलावा यदि किसान को अपने खेत में फसल का जायजा लेने के लिए एरियल व्यू यानि आसमान से उसे देखने की जरूरत है तो ड्रोन इसे साकार कर सकता है। वहीं यदि फसलों पर कीटनाशकों व फर्टिलाइजर का छिड़काव भी करना है तो ड्रोन इसमें बहुत अहम रोल अदा करते हैं।
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