Chhattisgarh News: प्रदेश के पूर्व सीएम के सचिव और प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ FIR रद्द करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। वहीं, अब निचली अदालत में ADJ संतोष तिवारी ने भी उनकी अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में जाना पड़ेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा की शिकायत पर अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ EOW ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है, जिसे रद्द करने के लिए अमन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला ही नहीं बनता। लेकिन EOW ने राजनीतिक दबाव में यह कार्रवाई की है। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने EOW को अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब दे दिया है। फिर भी उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिसे रद्द की जाए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए ACB और EOW की ओर से दर्ज आपराधिक प्रकरण को निराधार मानते हुए निरस्त करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य शासन के साथ ही शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता उचित शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बचाव के लिए अमन सिंह को तीन सप्ताह तक अंतरिम राहत दी है और राज्य शासन को इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए अमन सिंह सीधे हाईकोर्ट चले गए थे। चार दिन पहले उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन और शिकायतकर्ता के वकीलों ने आपत्ति जताई और कहा कि कानून के अनुसार सीधे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन पेश नहीं किया जा सकता। इस पर जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने उन्हें पहले निचली अदालत में अदालत में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत करने की छूट देते हुए याचिका को खारिज कर दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अमन सिंह और उनकी पत्नी ने लोअर कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई। शुक्रवार को इस केस की सुनवाई ADJ संतोष तिवारी की अदालत में हुई। इस दौरान अमन सिंह व यास्मिन सिंह के सीनियर वकील अनिल खरे ने जमानत देने के लिए जिरह की। वहीं, EOW की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास ने पक्ष रखा। जबकि, शिकायतकर्ता उचित शर्मा की ओर से सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने जमानत का विरोध किया। सभी पक्षों ने करीब दो घंटे तक अपना-अपना तर्क दिया। अतिसंवेदनशील मामला होने के चलते इस प्रकरण में अमन सिंह को राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब अमन सिंह हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।
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