Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में धर्मांतरण (conversion) के खिलाफ अब ग्रामीण लामबंद होने लगे हैं। साथ ही बस्तर के ग्रामीण अंचलों में धर्म परिवर्तन करा रहे लोगों को रोकने के लिए गांव में विशेष ग्राम सभा भी आयोजित कर कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं। ऐसे में जिले के तोकापाल ब्लॉक के रानसर्गीपाल के ग्रामीणों ने भी पांचवी अनुसूची के तहत एक ग्राम सभा आयोजित की है। यहां दूसरे धर्म के गुरुओं और प्रचार प्रसार कर धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों के पंचायत में घुसने पर पाबंदी लगा दी है। इसके लिए ग्रामीणों ने बकायदा बस्तर कलेक्टर और पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात कर ग्रामीणों द्वारा ग्राम सभा में लिए गए निर्णय से अवगत कराया। इसके साथ ही सभी फैसले का पालन कराने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा में जो प्रस्ताव लाए गए हैं उसमें प्रशासन किसी तरह का हस्तक्षेप ना करें। हालांकि, पुलिस विभाग के अधिकारी सीधे तौर पर ग्रामसभा के इन फैसलों को लेकर कानूनी मान्यता और बाकि पहलुओं के संबंध में बैठक कर निर्णय लेने की बात कह रहे हैं। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि तोकापाल ब्लॉक के रानसर्गीपाल पंचायत के सरपंच समेत ग्रामीणों ने 6 मांगो पर सहमति मांगा है। तोकापाल ब्लॉक के रानसर्गीपाल के सरपंच पितांबर कवासी ने बताया कि कुछ दिन पहले गांव में पांचवी अनुसूची के दायरे में पेशा कानून के तहत विशेष ग्रामसभा आयोजित की गई थी। इसमें बस्तर जिले में लगातार बढ़ते धर्मांतरण को रोकने के लिए कई फैसले लिए गए है। इन फैसलों में मुख्य रूप से दूसरे धर्म के गुरुओं को पंचायत के अंदर आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इसके अलावा अगर कोई दूसरे धर्म को लेकर गांव में प्रचार प्रसार करता है तो उस पर दंडात्मक कार्रवाई के भी फैसले लिए गए हैं। सरपंच ने कहा कि लगातार धर्मांतरण की वजह से बस्तर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में लगातार आदिवासी अपने सदियों पुराने परंपरा, संस्कृति और रीति रिवाज को खो रहे हैं। साथ ही लालच और प्रलोभन में आकर अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए विशेष ग्राम सभा आयोजित की गई। इस विशेष ग्राम सभा में लगभग पंचायत के सभी ग्रामीण मौजूद रहे। वहीं इधर प्रस्ताव पारित करने के बाद इस फैसले से अवगत कराने के लिए बस्तर कलेक्टर और पुलिस के आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया। ग्राम पंचायत द्वारा लिए गए निर्णय पर सहयोग मांगने के साथ इन मांगों पर किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करने की मांग प्रशासन से की गयी है।
ग्रामीणों का कहना है कि पेशा कानून के तहत पंचायत को मिले विशेष अधिकार के तहत यह फैसला लिया गया है। ऐसे में वे चाहते हैं कि प्रशासन इन नियमों का पालन कराने के लिए उनका सहयोग करें। इधर पुलिस के अधिकारी ऐश्वर्य चंद्राकर ने बताया कि ग्रामीणों ने ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव की कॉपी पुलिस विभाग को सौंपी है। हालांकि, सीधे तौर पर ग्रामसभा के निर्णय को लेकर कानूनी मान्यता और बाकी पहलुओं के संबंध में बैठक के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। कुछ मांगों पर सहमति तो बनी है, लेकिन कुछ मांगों को लेकर प्रशासन ने सहमति नहीं दी है। इसको लेकर बैठक के बाद ही निर्णय लिया जा सकता है।
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