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बघेल ने जीता विश्वास, BJP हुई हताश, फर्जी निकली महाराज की आस. हिन्दी ख़बर EXCLUSIVE

CM Bhupesh Baghel,
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रायपुर: “हिन्दी ख़बर” (Hindi Khabar) पर इस वक्त की सबसे बड़ी ख़बर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से है… छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार (CM Bhupesh Baghel) ने अपने विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है… बघेल सरकार ने मुख्य विपक्षी दल बीजेपी द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की धज्जियाँ उड़ा कर रख दीं. भूपेश बघेल सरकार के लगभग पौने चार वर्ष के कार्यकाल में लाया गया ये पहला अविश्वास प्रस्ताव था, जो वोटिंग तक भी नहीं पहुंच सका. बुधवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस पर चर्चा शुरू हुई थी जो रात डेढ़ बजे तक चली और फिर ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव दम तोड़ गया.

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छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने विरोधियों को दिया मुंहतोड़ जवाब

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और उनकी सरकार ने मानसून सत्र के अंतिम दिन यानि बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में अपनी पूरी ताकत दिखा कर विपक्षी दलों को लाचार कर दिया. नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता धरम लाल कौशिक की तरफ से पेश अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 12 घंटों से ज्यादा वक्त तक बहस मुबाहिसा ज़रूर हुआ मगर भूपेश सरकार का बाल भी बांका ना हो सका. सदन के भीतर और बाहर भूपेश सरकार पूरी तरह से कम्फर्टेबल बनी रही और रात करीब सवा एक बजे ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया.

बघेल सरकार ने बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव की धज्जियाँ उड़ा दीं

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) की सरकार के द्वारा विश्वास मत जीतने के बाद भी विपक्षी दलों की बेशर्मी कम नहीं हुई. नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने मुंह की खाने के बाद, अजीब सा बयान दिया. कौशिक ने कहा कि कि “हमें तो पहले से ही मालूम था कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हमारा अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा मगर हम सरकार के पौने चार साल के कार्यों पर चर्चा करवाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे.”

बघेल के फ्लोर मैनेजमेन्ट से विधानसभा में लाचार दिखे विपक्षी दल

ऐसे में “हिन्दी ख़बर” सवाल पूछता है कि जब नेता प्रतिपक्ष और उनके साथियों को पहले से मालूम था कि बघेल सरकार (CM Bhupesh Baghel) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं होगा तो फिर अविश्वास प्रस्ताव लाकर राज्य में राजनैतिक अस्थिरता का मौहाल बनाने की कोशिश क्यों की गई?

नंबर 2 की हैसियत रखने वाले मंत्री टीएस सिंहदेव नदारद रहे

दरअसल “हिन्दी ख़बर” को मिली एक और पक्की जानकारी के मुताबिक, विपक्षी बीजेपी को ये तो पता था कि उसके पास सरकार गिराने के लिए मुकम्मल आंकड़ें नहीं हैं मगर उसे भरोसा था कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विरोधी कांग्रेसी विधायक उसके अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. मगर भूपेश बघेल के सटीक फ्लोर मैनेजमेन्ट की वजह से बीजेपी का अविश्वास प्रस्ताव वोटिंग तक पहुंच ही नहीं पाया और ध्वनिमत से ही गिर गया.

भोपाल से रायपुर आए ही नहीं टीएस सिंहदेव उर्फ महाराजा साहब

मानसून सत्र के अंतिम दिन यानि बुधवार को जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा था और उस पर चर्चा हो रही थी, उस वक्त छत्तीसगढ़ सरकार में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले कैबिनेट मंत्री और सीएम भूपेश बघेल के धुर विरोधी टीएस सिंहदेव उर्फ महाराजा साहब की गैर-मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही. छत्तीसगढ़ सदन के भीतर और बाहर इसी बात की चर्चा ज़ोरों पर रही कि सरकार और पार्टी के अन्दर निजी अविश्वास तो चलता ही रहता है मगर अविश्वास प्रस्ताव के मौके पर सिंहदेव को सरकार के साथ खड़े रह कर, विपक्षियों के हमलों का जवाब देना चाहिए था. मगर महाराजा साहब रायपुर आए ही नहीं. सिंहदेव अभी भोपाल में डेरा डाले हुए हैं.

बघेल के फ्लोर मैनेजमेन्ट से विधानसभा में लाचार दिखे विपक्षी दल

इसके पहले टीएस सिंहदेव (T S Singh Deo) बाबा कांग्रेस विधायक दल की उस बैठक से भी नदारद रहे थे जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुआई में इसीलिए बुलाई गई थी ताकि मंत्रियों और विधायकों को सरकार के कामकाज की जानकारी देकर, उन्हें विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार किया जा सके.

मगर बघेल का फ्लोर मैनेजमेन्ट था पक्का, गिरा अविश्वास प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार (CM Bhupesh Baghel) की ओर से सीनियर कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहरिया ने मोर्चा संभाला, वहीं, करीब 40 विधायकों के लिए अविश्वास प्रस्ताव का ये पहला अनुभव था.

हिन्दी ख़बर की स्पेशल रिपोर्ट

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