निजी अस्पताल खोलने पर रियायत देने के फैसले पर CM बघेल और स्वास्थ्य मंत्री के बीच मतभेद! क्या सरकार में सब कुछ ठीक है?
रायपुर: छत्तीसगढ़ में ढाई- ढाई साल के सीएम के फार्मूले की एक बार फिर शुरू हो गई है। ऐसे में माना ये जाने लगा है कि भूपेश बघेल सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, सीएम इन वेटिंग स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गांव में निजी अस्पताल खोले जाने पर रियायत देने के फैसले का खुलकर विरोध शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा इस फैसले के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है और ना ही उनसे कोई चर्चा की गई है। स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में “वन मैन शो” चल रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच कोई मतभेद है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने 26 जून 2021 को एक फैसला लिया, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती देने के लिए निजी अस्पतालों को रियायत दी जाएगी। सरकार के इस फैसले का सरकार के ही स्वस्थ्य मंत्री ने विरोध किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल बनाए जाने के फैसले से असहमत हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस विषय में मुझसे कोई चर्चा नहीं की गई है। वह इस व्यवस्था के पक्ष में नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर भूपेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के बयान के बाद स्वास्थ्य मंत्री का बयान तुरंत आता है कि ना मुझे कार्ययोजना के बारे में जानकारी है, ना मैं इस फैसले से सहमत हूं।
बीजेपी के आरोप पर कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री कमांडर है और सभी मंत्री उनके टीम के मेंबर होते हैं। प्रदेश में ढाई-ढाई साल के सीएम को लेकर सियासी चर्चा के बीच अब स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा सरकार के निजी अस्पताल को गांव में खोलने का विरोध करना और जानकारी न होने की बात कहना इस बात की और इशारा करता है कि सरकार में सब ठीक नही चल रहा है। अब देखना ये है कि सरकार के अंदर की कलह खत्म होगी या फिर भाजपा इस कलह का फायदा उठाकर 2023 जीत का रास्ता तैयार करेगी। रिपोर्ट- जुल्फिकार