उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी घटती हुई नजर आ रही है। देश में बेरोजगारी और कारोबारी गतिविधियों की निगरानी करने वाले संगठन सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (Centre for Monitoring Indian Economy) के मासिक आंकड़ों के अनुसार, देश में समग्र तौर पर उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर अप्रैल 2022 में घटकर 2.9 फीसदी रह गई है, जो मार्च में 4.4 फीसदी पर थी।
5 साल 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी
रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले यूपी बहुत आगे है। योगी सरकार ने पिछले 5 साल में युवाओं को 5 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बेरोजगारी दर का मुद्दा काफी जोरों पर था। नवंबर 2021 में आई सीएमआईआई की रिपोर्ट में यह दर 4.8 फीसदी पाई गई थी। इसके बाद से दावा किया गया कि योगी सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी की दर में लगातार इजाफा हुआ है। वहीं वर्ष 2017 में योगी के यूपी का पहली बार कमान संभालने के समय में प्रदेश में बेरोजगारी दर 2.4 फीसदी थी।
यूपी में बेरोजगारी की दर 2.9 फीसदी
CMII की अप्रैल महीने की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में इस दर का आंकड़ा 28.8 फीसदी है, जबकि देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति रोजगार के लिहाज से बेहद खराब है। दिल्ली की बेरोजगारी दर 11.2 फीसदी दर्ज की गई है, पश्चिम बंगाल में 6.2 , तमिलनाडु में 3.2, पंजाब में 7.2, झारखंड में यह दर 14.2, केरल में 5.8 और आंध्र प्रदेश में 5.8 फीसदी है। देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले यूपी में यह दर 2.9 फीसदी है।
पिछले पांच वर्षों में योगी सरकार की स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के तहत करीब तीन करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है।
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