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टीम-09 की बैठक में CM योगी ने दिये निर्देश, बोले- डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त/डायरिया आदि की जरूरी दवाइयां की जाएं वितरित

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लखनऊ: सीएम योगी ने टीम-09 की बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि सतत समन्वित, नियोजित प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के बीच जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। देश के अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश में स्थिति बहुत बेहतर है। आज प्रदेश के 33 जिलों में कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं है। विगत दिवस हुई कोविड टेस्टिंग में 67 ज़िलों में संक्रमण का कोई भी नया केस नहीं मिला। वर्तमान में 191 संक्रमितों का उपचार हो रहा है।

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टीम-09 की बैठक में CM योगी ने दिये निर्देश

CM ने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 07 करोड़ 44 लाख 95 हजार 406 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख 30 हजार 740 सैम्पल टेस्टिंग में 10 नए मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र 08 जनपदों में ही नए मरीज मिले। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 457 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है।

डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त/डायरिया आदि की जरूरी दवाइयां की जाएं वितरित

आगे उन्होनें कहा कि गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, महराजगंज, गोंडा, श्रावस्ती सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ गांवों में बाढ़/अतिवृष्टि की समस्या है। राप्ती को छोड़ शेष सभी नदियों का जलस्तर कम हो रहा है। आपदा मोचक टीमें 24×7 एक्टिव रहें। प्रभावित लोगों की जरूरत का पूरा ध्यान रखा जाए। प्रभावित लोगों को तत्काल राशन आदि उपलब्ध कराया जाए। राहत कार्य पूरी तत्परता के साथ किया जाए।

बेड, दवाइयों की पर्याप्त रखी जाए उपलब्धता बनाए

मुख्यमंत्री बोले कि बरसात के मौसम को देखते हुए डेंगू, मलेरिया व अन्य वायरल बीमारियों के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए जारी प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जाए। सर्दी, जुकाम, बुखार, श्वांस समस्या आदि संबंधित चिन्हित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था कराई जाए। आवश्यकतानुसार जांच भी कराई जाए। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार/दस्त/डायरिया आदि की जरूरी दवाइयां वितरित की जाएं। विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपचार की समुचित व्यवस्था रहे। बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए।

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