ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर कोर्ट का बड़ा फैसला, कमिश्नर को दिया यह आदेश…
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने इस मामले में कमिश्नर नियुक्त करने का फैसला किया है। इसके बाद कमिश्नर 19 अप्रैल को मंदिर-मस्जिद परिसर का दौरा करेंगे और वीडियोग्राफी भी होगी। इस दौरान परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षाबल तैनात करने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि सितंबर 2020 में एक याचिका वाराणसी कोर्ट में दाखिल की गई थी। इस याचिका में परिसर को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है। कोर्ट का आदेश उसी याचिका पर आया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से परिसर के निरीक्षण, रडार अध्ययन और वीडियोग्राफी के लिए कोर्ट से आदेश मांगा था।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि इस विवादित ढांचे के नीचे ज्योतिर्लिंग है। इस परिसर को हिंदू देवताओं को वापस सौंप दिया जाना चाहिए।
क्या है विवाद?
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में हिंदू पक्ष का दावा है कि इस विवादित ढांचे के नीचे ज्योतिर्लिंग है और ढांचे की दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र भी प्रदर्शित हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर को औरंगजेब ने 1664 में नष्ट कर दिया था। उसके बाद अवशेषों से मस्जिद बनवाई थी। उसे ही आज ज्ञानवापी मस्जिद के नाम से जाना जाता है।
1991 में कोर्ट में पहुंचा था मामला
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद कोर्ट में 1991 में पहुंचा था। वाराणसी कोर्ट में इसको लेकर एक मुकदमा दाखिल किया गया था। याचिका दाखिल करके ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति मांगी गई थी। हालांकि मस्जिद कमेटी ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का हवाला देकर इसे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1993 में स्टे लगा दिया और यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया।
उसके बाद इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और फैसले के बाद 2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर से इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई। फिलहाल कई अदालतों में इस विवाद को लेकर सुनवाई चल रही है।
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