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योगी सरकार के ख़िलाफ पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी का विवादित बयान, राजद्रोह का मुकदमा दर्ज

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लखनऊ। शनिवार रात अजीज कुरैशी सांसद आजम खां के घर उनके परिवार से मिलने रामपुर गए थे। जहां उपस्थित भीड़ के सामने उन्होंने योगी सरकार की तुलना शैतान से कर दी थी। जिसके बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर सिविल लाइंस थाने में उनके ख़िलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी।

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कुरैशी पर राजद्रोह के अलावा धारा 153ए, 153बी, 124ए, 502 (1) (बी) भी लगाई गई

अजीज कुरैशी पर राजद्रोह की धारा 124 ए के साथ आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 124ए, 502 (1) (बी) व अन्य कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। उन पर आरोप लगाया गया कि उनका बयान दो समुदायों के बीच लड़ाई आदि की भावना को जन्म देने वाला, सरकार को बदनाम करने और समाज में अशांति पैदा करने वाला है। अजीज का बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रामपुर का माहौल खराब हो सकता है।

कुरैशी ने आजम खां की पत्नी एवं विधायक डॉ. तजीन फात्मा से की मुलाकात

अजीज कुरैशी ने आजम खां के आवास पर पहुंचकर आजम खां की पत्नी व विधायक डॉ. तजीन फात्मा से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘कोरोना के कारण वह डेढ़ साल से घर से बाहर नहीं निकल पाए। लेकिन आज अपनी भाभी (आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा) से ये कहने आया हूँ कि आप हिम्मत रखिए। सभी लोग आपके साथ हैं। जीत आपकी ही होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने आजम खां के साथ ज्यादती की है। जिस तरह से सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है, उसके लिए कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है।‘

‘यह लड़ाई शैतान और इंसान के बीच है।‘- कुरैशी

जब पत्रकारों ने उनसे आजम खां की रिहाई की उम्मीद से संबंधित सवाल पूछा, तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि ‘यह लड़ाई शैतान और इंसान के बीच है। जहाँ एक ओर खून पीने वाले शैतान हैं, तो दूसरी ओर इंसान हैं।‘ ये बयान योगी सरकार की तरफ इशारा करता हुआ माना गया, जिसके बाद उनके खिलाफ राजद्रोह और उसके बाद कई मुकदमे दर्ज किए गये। कुरैशी ने आगे कहा कि, हम आजम खां के लिए सिर्फ दुआ कर सकते हैं, पूरी सरकार उनके खिलाफ लगी हुई है।

कुरैशी ने आजम खां और मुलायम सिंह यादव को दिया जौहर यूनिवर्सिटी का श्रेय

जौहर यूनिवर्सिटी का ज़िक्र करते हुए अजीज कुरैशी ने कहा कि, ‘आजम खां अपनी कौम के भले के लिए काम कर रहे थे। मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा से बिल पास कराया, लेकिन कुछ लोगों की मंशा थी कि हमारी कौम न पढ़े। और उनकी बराबरी न कर सके। इसी वजह से बिल को 10 सालों तक लटकाए रखा गया था। इसकी वजह यह थी कि इस यूनिवर्सिटी में 50 प्रतिशत सीटें मुसलमानों के लिए रिज़र्व रखी गई थीं। यह एक तबके को मंजूर नहीं था। जब मुझे प्रदेश के राज्यपाल की जिम्मेदारी मिली थी, तो मैंने इस बिल को मंजूरी दे दी थी। लेकिन मैं इसका श्रेय नहीं लेना चाहता हूँ। इसका श्रेय मुख्य रूप से आजम खां और मुलायम सिंह यादव को जाता है।

क्या था जौहर यूनिवर्सिटी का मामला?

दरअसल सपा सरकार के समय में सांसद रहे आजम खां ने रामपुर में जौहर विश्व विद्यालय (Jauhar University Rampur) की स्थापना की थी। पीडब्लूडी से सरकारी सड़कें और लाखों रूपये खर्च करके यूनिवर्सिटी के मेन गेट पर एक भव्य दरवाजा लगवाया था। 14 जुलाई 2020 को एसडीएम कोर्ट ने गेट को गलत मानते हुए उसे तोड़ने के आदेश दिए थे। साथ ही सवा तीन करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।
बता दें अवैध जमीन पर कब्ज़ा करने और फ़र्ज़ी कागज़ बनवाने के कई मामलों में आजम पर केस चल रहे हैं। जिसकी वजह से कई दिनों से आजम खां लखनऊ की सीतापुर जेल में बंद हैं।

कुरैशी ने रामपुर के लोगों को लगाई फटकार

कुरैशी ने आजम खां के खिलाफ कार्रवाई के वक्त रामपुर के लोगों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने पर आश्चर्यचकित होकर हुंकार भरते हुए कहा कि “रामपुर के लोगों को आजम खां के लिए आगे आना चाहिए था। सड़कों पर उतर कर सत्याग्रह आंदोलन, घेराव आदि करना चाहिए था। एक सख्श जिसने रामपुर के लोगों के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी हो और उनकी बेहतरी के लिए जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण में खून पसीना एक कर दिया हो, क्या हम लोग उसके पीछे भी खड़े नहीं हो सकते?”

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