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Chaitra Navratri: झांसी का यह महाकाली मंदिर है कुछ खास, इस रूप में होती है देवी की पूजा

झांसी का महाकाली मंदिर
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झांसी का महाकाली मंदिर में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के अवसर पर 2 अप्रैल 2022, शनिवार से कई तरह के कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। भक्त माता के मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं। इस मौके पर देवी के कई मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन भी हो रहा है। कई जगहों पर अखंड ज्योति जलाई जा रही है तो कहीं पर 9 दिनों का मंत्र जाप भी शुरू हो चुका है।

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चैत्र नवरात्रि के दौरान बुंदेलखंड के झांसी स्थित लक्ष्मी तालाब स्थित प्रसिद्ध देवी मंदिर महाकाली विद्यापीठ (Mahakali Temple Bundelkhand) में भी विशाल आयोजन किया जा रहा है। मंदिर के प्रधान पुजारी के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मंदिर में माँ महाकाली के सवा करोड़ मंत्रों का जाप होगा। इसके बाद नवमी तिथि को देवी मंत्रों से अभिमंत्रित चांदी का मंडप अर्पण किया जाएगा।

क्या-क्या आयोजन होगा

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन यानी 2 अप्रैल को 5100 दीएं जलाए जाएंगे। नवरात्रि के 9 दिनों में विश्व शांति के लिए मां महाकाली के मंत्रों का जाप और अनुष्ठान होगा। इसके साथ ही विशाल भंडारा भी किया जाएगा। इसके साथ-साथ भक्त माता का प्रसाद भी पाएँगे।

देवी की कन्या रूप में होती है पूजा

महाकाली की ज्यादातर प्रतिमाएं आमतौर पर रौद्र रूप में देखने को मिलती हैं। लेकिन झांसी की इस मंदिर में मां कन्या रूप में पूजी जाती हैं। यहां पर किसी भी प्रकार की तामसिक पूजा नहीं की जाती है। जानकारों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण 1687 में ओरछा के महाराज वीर सिंह जूदेव ने करवाया था। 1977 में चुनाव हारने के बाद इंदिरा गांधी ने 1978 में यहां पर एक धार्मिक अनुष्ठान भी करवाया था। इसके बाद 1980 में इंदिरा गांधी दोबारा जीतीं तो फिर से मंदिर में पूजा करने के लिए आई थीं।

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