सुभाष पासी ने थामा ‘कमल’ का साथ, सपा छोड़ बीजेपी में हुए शामिल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे पार्टियों में अदला-बदली की दौर शुरू हो गया है। पिछले कुछ वक्त से सपा, बसपा, भाजपा के विधायक अपनी पार्टी छोड़ दूसरी पार्टी का रूख कर रहे हैं।
गाजीपुर के सैदपुर से दो बार सपा के विधायक सुभाष पासी ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है।
कौन हैं सुभाष पासी?
सुभाष पासी वारणसी से सटे सैदपुर विधानसभा से पार्टी का दलित चेहरा थे। साल 2012 से लगातार दो बार सैदपुर सीट पर जीत हासिल कर विधायक थे। पिछले दोनों चुनावों में पासी दलित और यादव बिरादरी के भारी मतों से जीतते आ रहे हैं।
2017 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विद्यासागर सोनकर को हराया था।
सपा ने किया निष्कासित
मंगलवार को बीजेपी में शामिल होने के महज़ एक घंटे के भीतर ही समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। पार्टी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ये जानकारी साझा की।
गौरतलब है कि सैदपुर विधानसभा सीट एक आरक्षित सीट हैं। यहां दलित और यादव बिरादरी का बाहुल्य है। यह सीट साल 2012 में आरक्षित की गई थी।
चुनावी सरगर्मी के बीच विधायकों के दल-बदल का सिलसिला पिछले सप्ताह शुरू हुआ था। इससे पहले भाजपा के विधायक राकेश राठौड़ और बसपा के 8 विधायकों ने समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे।