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राजस्थान में गुटबाजी खत्म, क्षेत्रीय और जातीय समीकरण साधने की कोशिश

Ashok Gehlot
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जयपुर: राजस्थान सरकार बनने के करीबन 2 साल 11 महीने बाद राजस्थान कैबिनेट में फिर एक बड़ा फेरबदल किया गया है। इस फेरबदल के जरिए जहाँ पार्टी के अंदर चल रहे गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश की गई है वहीं राज्य के अंदर जातीय औऱ क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की गई है।

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रीमंडल में 11 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।

अब इस कैबिनेट में पहली चार दलित चेहरे होंगे। तीन दलित मंत्रियों- ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली को राज्य मंत्री से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया है। कैबिनेट में गोविंद मेघवाल को मिलाकर चार दलित चेहरे हो गए हैं।

दलित चेहरे के अलावे महिला प्रतिनीधित्व को भी खास तवज्जोह दी गई है। मंत्रिमंडल में प्रियंका गांधी की छाप देखी जा रही है. तीन महिलाओं को मंत्री बनाया गया है.

बहरहाल , इस फेरबदल से कांग्रेस के नेता सचिन पायलट काफी खुश नजर आए। सभी तरह के कयासों पर विराम लगाते हुए पायलट ने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है. ‘सचिन पायलट गुट के पांच विधायक मंत्री बनेंगे’ इस खबर को लेकर उन्होंने कहा कि मीडिया में न जाने कौन इस बात को उठाता है कि उसके गुट और इसके गुट. ऐसा कहा जा रहा है कि इस गुट के चार और उस गुट के पांच लोग मंत्री बनाए जा रहे हैं. ऐसी बातें सिर्फ मीडिया में ही है क्योंकि यहां पूरी कांग्रेस एक है.

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