14 साल की नाबालिग से 5 अलग-अलग जगहों पर कई घंटों तक गैंगरेप, खाना और तन ढ़कने को कपड़े मांगती रही बच्ची
महाराष्ट्र। दुनिया के नक्शे पर विकसित होता देश, लड़कियों की सुरक्षा के मामले में जैसे उतना ही पिछड़ता जा रहा है। रोज बच्चियों के साथ रेप की वारदातों की ख़बर के बीच एक और दिलदहलाने वाली घटना सामने आई है। महाराष्ट्र के पुणे में 14 साल की एक बच्ची के गैंगरेप की घटना की ख़बर आई है। यहाँ कुछ लोगों ने पहले उस बच्ची का अपहरण किया। उसके बाद उसके साथ 5 अलग-अलग जगहों पर कई घंटों तक गैंगरेप किया। बच्ची की हालत बिगड़ने पर उन्होंने उसे मुंबई भेज दिया।
मुंबई से बच्ची अपने एक दोस्त के साथ चंडीगढ़ चली गई। जहाँ से GRP ने बच्ची को बरामद कर पुणे पुलिस को सौंप दिया। इस संबंध में पुणे पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें बच्ची का एक दोस्त, रेलवे के दो कर्मचारी और 11 ऑटोरिक्शा ड्राइवर भी शामिल हैं।
बच्ची को पुणे के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि अब वह पूरी तरह ठीक है। हालांकि बच्ची के शारीरिक जख्म भले ही भर जाएं, लेकिन मानसिक रूप से जो जख़्म मिले हैं उन्हें भरने में पूरी ज़िंदगी भी कम पड़ जाएगी।
अपहरण के बाद हुआ था दुष्कर्म
इस मामले की जांच करने वाली ऑफिसर DCP नम्रता पाटिल ने जो जानकारी दी, वो वाकई दिल दहलाने वाली है। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त की रात साढ़े 10 बजे से इस घटना की शुरुआत हुई। बच्ची एक बेहद गरीब परिवार से है। उसके माता-पिता पुणे की एक नर्सरी में कई सालों से काम कर रहे हैं। बच्ची अपने एक 19 वर्षीय दोस्त से मिलने बिना किसी को बताए घर से निकली थी।
एक ऑटो रिक्शे के जरिये वो पुणे स्टेशन पहुंची। काफी देर तक वहाँ इंतज़ार करने के बाद, जब उसका दोस्त नहीं आया तो वह रोने लगी। उसे रोता हुआ देखकर एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर उसके पास आया और बोला कि वह उसके साथ स्टेशन के बाहर चले, उसके दोस्त ने उसे बुलाया है। बच्ची काफी परेशान थी और उसने ऑटो ड्राइवर की बात को सच मान लिया और उसके साथ बाहर चली गई। इसके बाद उसने उसे पीने के लिए पानी दिया। बच्ची ने बताया कि पानी पीते ही उसे चक्कर आ गया और वो बेसुध हो गई।
किसी को बताने पर दी जान से मारने की धमकी
उसके बाद उसने उस बच्ची के साथ रेप किया। फिर फोन करके कुछ और लोगों को बुलाया। सबने बारी-बारी उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। बच्ची रोते-चीखते उनके सामने हाथ जोड़ कर रिहाई की भीख मांगती रही। लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। उन्होंने उस बच्ची को बिना कपड़ों के एक कमरे में बंद कर रखा था। हर घंटे दो घंटे में एक नया व्यक्ति आता और बच्ची का रेप करता। उन्होंने उसे न खाने को दिया, न कपड़े पहनने को दिए। वो बार-बार गुहार करती रही कि उसे कम से कम खाना और कपड़े तो दे दो, लेकिन दरिंदों ने एक न सुनी। उन्होंने मुंह खोलने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
बड़ी अफसर बनने का सपना देख रही थी बच्ची
बच्ची की मानसिक स्थिति काफी परेशान करने वाली है। उसके पिता ने बताया कि बच्ची इतनी अधिक घबराई हुई है कि वह एक कोने में सिकुड़ी बैठी बस रोती रहती है। हल्की सी आवाज़ या अपने आस-पास किसी भी पुरूष को देखकर भी डर जा रही है। न ही पुलिसकर्मियों को ठीक से अपना बयान दे पा रही है। उन्होंने बताया कि बच्ची बड़े होकर एक बड़ी अफसर बनना चाहती थी, लेकिन सब कुछ खत्म हो गया। इस घटना के बाद से माता-पिता का पूरी तरह से टूट गये हैं, उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया है बच्ची के पिता का कहना है कि “मुझे कानून पर पूरा भरोसा है। कानून आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देगा।“ उन्हें इंसाफ चाहिए।
100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर मिली जानकारी
पिता ने बताया कि बच्ची के गायब होने की अगली सुबह बच्ची के घर पर न होने का उन्हें पता चला। उन्होंने उसके मोबाइल पर फोन किया तो बंद मिला। इसके बाद उन्होंने वानवडी पुलिस स्टेशन जाकर नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। जांच की शुरुआत के कुछ घंटों के प्रयास और रेलवे स्टेशन के बाहर लगे करीब 100 से ज्यादा CCTV खंगालने पर पता चल गया, कि बच्ची का अपहरण स्टेशन से ही हुआ है।
ऑटोरिक्शा ड्राइवर बच्ची का अपहरण कर एक सुनसान स्थान पर ले गया जहाँ उसने वारदात को अंजाम दिया। उसके बाद उसने अपने एक दोस्त को फोन करके बुलाया और बच्ची को उसके सुपुर्द कर दिया। वहाँ से वो उसे एक होटल में ले गये और तीन अन्य लोगों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। उसके अगले दिन भी उसी होटल में चार अन्य लोग आए और नाबालिग के साथ बलात्कार किया। उसके बाद दरिंदे बच्ची को एक कमरे में ले गये और वहाँ भी कई लोगों ने उसके साथ कई बार रेप किया।
GRP को शक होने पर सामने आया मामला
पुणे में बच्ची की हालत बिगड़ने के बाद उन आरोपियों में से एक सख़्श बच्ची को लेकर बस द्वारा मुंबई के दादर पहुंचा और उसे रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर कार्यरत एक रेलकर्मी के सुपुर्द कर दिया। बताया जा रहा है कि वहाँ भी उस रेल कर्मचारी ने एक कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर बच्ची के दोस्त को बुलाकार उसे सौंप दिया। वहाँ से बच्ची अपने दोस्त के साथ एक ट्रेन में बैठकर चंडीगढ़ स्टेशन पहुंची। वहाँ बच्ची की हालत देखकर GRP (Government Railway Police) के कुछ लोगों को उन पर शक हुआ। और उन्होंने उनसे कुछ पूछताछ की और उसके बाद उन्हें प्रोजेक्ट डारेक्टर चाइल्ड लाईन को सौंप दिया।
प्रोजेक्ट डारेक्टर चाइल्ड लाईन की डारेक्टर संगीता जंड ने बताया कि पहले उन्हें लगा था, कि लड़की घर से भागकर आई है। लेकिन जब उन्होंने बच्ची की काउंसलिंग करनी शुरू की, तो इस मामले में एक के बाद एक खुलासे होते चले गये। इसके बाद उन्हें पुणे पुलिस से जानकारी मिली कि वहाँ पर लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज़ है। मामले की गंभीरता के मद्देनज़र पुणे पुलिस की एक टीम हवाई मार्ग से आकर पीड़िता को अपने साथ मुंबई ले गई।
मामले में होटल के मालिक की भूमिका की भी हो रही जांच
अभी तक पुलिस ने इस मामले में मशक कन्याल 27 वर्ष, अकबर शेख 32 वर्ष, अजरुद्दीन अंसारी 27 वर्ष, नोएल खान 24 वर्ष, आसिफ पठान 36 वर्ष, प्रशांत गायकवाड़ 29 वर्ष, रफीक शेख 32 वर्ष, राजकुमार प्रसाद 29 वर्ष, गोलू 19 वर्ष और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
CCTV कैमरे में लड़की की तस्वीर और ऑटो का नंबर मिला। और इस सुराग से पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा और पूछताछ शुरू की। पूछताछ के कुछ ही घंटों बाद उसने अपना ज़ुर्म स्वीकार करते हुए अपने दूसरे साथियों का नाम व पता बता दिया। सभी 14 आरोपी अदालत में पेश कर दिए गये हैं। अदालत ने उन्हें 10 दिन की पुलिस कस्टडी में रखने के लिए कहा है। वहीं DCP पाटिल का कहना है कि हम इस मामले में होटल के मालिक की भूमिका की जांच भी कर रहे हैं।