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UPTET जैसी परीक्षाओं के पेपर लीक कैसे होते हैं? और कैसे होती है परीक्षाओं में नकल?

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उत्तर प्रदेश में 21 लाख अभ्यर्थियों को UPTET की परीक्षा देनी थी, लेकिन पर्चा लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी। जिसके बाद STF के ऑपरेशन में अब तक 36 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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गिरफ्तार हुए लोगों में दिल्ली के पर्चा छापने वाली कंपनी के मालिक समेत पर्चा लीक करवाने वाले गिरोह समेत सॉल्वर यानी कि जो पैसे लेकर अभ्यर्थियों की जगह बैठकर परीक्षा देते हैं।

अब तक इस पूरे मामले में बागपत, प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ, शामली, कौशांबी और अयोध्या से गिरफ्तारियां की गई हैं।

यूपी STF ने प्रश्न पत्र छापने वाली कंपनी के डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद की संलिप्तता के बाद उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया।

इसके साथ परीक्षा कराने वाली संस्थान के परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को भी निलंबित कर दिया गया है। साथ ही पुलिस उनसे पूछताछ भी कर रही है।

जांच का दायरा बढ़ा रही है एसटीएफ

उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल को देखते हुए सूबे की सरकार पर TET परीक्षा लीक होने के चलते खासा दबाव है। सरकार और जांंच एजेंसियों पर ठोस कार्यवाई का दबाव है।

सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ होने के बाद प्रदेश एसटीएफ के एसएसपी हेमराज मीना का कहना है, “हम लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जो पेपर लीक हुआ है उसका सोर्स क्या था। प्रयागराज से क़रीब 14 लोग इसमें अरेस्ट हुए हैं, उसमें तीन गैंग थे। एक गिरोह सॉल्वर उपलब्ध कराता था, और एक गिरोह सॉल्वर को लाने ले जाने का काम करता था।

“उन लोगों ने सॉल्वर ढूंढने का काम एक तरीक़े से पुलिस ने आउटसोर्स कर रखा था। एक आदमी 10 सॉल्वर लेकर आया और उनको लाकर किसी और कैंडिडेट की जगह परीक्षा दिलाने का प्लान था। अक्सर परीक्षाओं में इस तरह का फ्रॉड होता रहा है। और इसमें कोई ज़रूरी नहीं है कि उसका बिहार से ही कनेक्शन हो। उन्हें जहाँ से सॉल्वर मिल जाता है वो वहीं से गिरोह उनका इस्तेमाल करते हैं।”

यूपी एसटीएफ के अनुसार, TET की परीक्षा का पर्चा लीक सुबह ही व्हाट्सऐप पर हो गया था। इसका साफ तौर पर मतलब है कि परीक्षा करवाने वाली संस्थान से लेकर नियानियामक प्राधिकरण, पेपर प्रिंट करने वाली एजेंसी, पेपर डिलीवरी की गोपनियता की चेन टूटने से प्रश्न पत्र लीक हुआ।

जाहिर तौर से सुरक्षा नियमों का ठीक से पालन नहीं हुआ। साथ ही पुलिस का कहना है कि अभी तक पर्चा लीक करवाने वाली सोर्स का पता नहीं चला है।

सिक्योरिटी प्रोटोकॉल सही ढंग से नहीं फॉलो करने के कारण परीक्षा पत्र लीक हुआ।

सूत्रों के मुताबिक जहां प्रश्न पत्र की छपाई हुई वहां सिक्योर्ड प्रेस की सुविधा नहीं थी। क्योंकि परीक्षा पत्र की चेन ऑफ सिक्योरिटी होती है। और कहीं न कहीं इस चेन के टूटने से परीक्षा पत्र लीक हुआ है।

यही कारण है कि यूपी एसटीएफ मामलें में तेजी से गिरफ्तारियां कर रही है। साथ ही मामले की तह तक पहुंचने की कोशिशों में जुटी हुई है।

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