तिरंगा पूछता है सवाल: आज़ादी के 75 साल बाद भी उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील में क्यों दिया जाता है नून-तेल रोटी: मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह के नेतृत्त्व में आगरा में तिरंगा संकल्प यात्रा का आयोजन किया। इस यात्रा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। आम आदमी पार्टी पूरे उत्तरप्रदेश में तिरंगा संकल्प यात्रा का आयोजन करेगी।
आम आदमी पार्टी पूरे उत्तरप्रदेश में तिरंगा संकल्प यात्रा का आयोजन करेगी
इस अवसर पर सिसोदिया ने कहा कि आज़ादी के 75 साल होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में न तो अच्छे स्कूल हैं, ना ही अच्छेअस्पताल हैं। ना महिलाओं को सुरक्षा है ना ही किसानों को अधिकार है। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश में पूरी तरह फेल रही है। आज उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत इतनी दयनीय है कि आजादी के 75 साल में भी उत्तर प्रदेश में एक प्रसूता को अस्पताल में बेड न मिलने के कारण बाहर रोड पर बच्चे को जन्म देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी, उत्तर प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाल संकल्प लेगी कि इस तिरंगे के नीचे रहने वाले हर बच्चे, महिला, बुजुर्ग और किसान को उनका अधिकार मिले।
हर भारतीय तिरंगे को अपनी आन-बान-शान मानता है: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि, हर भारतीय तिरंगे को अपनी आन-बान-शान मानता है लेकिन आजादी के 75 सालों के बाद भी देश की राजनीति में वो काम नहीं हुआ कि तिरंगा भी हमें अपनी आन-बान-शान माने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में गवर्नेंस की दयनीय अवस्था पर दुःख जताते हुए कहा कि, आज तिरंगा पूछता है कि आजादी के 75 साल में भी उत्तर प्रदेश में एक प्रसूता को अस्पताल में बेड न मिलने के कारण बाहर रोड पर बच्चे को क्यों जन्म देना पड़ रहा है। इतने सालों में भी सरकारी स्कूलों की ऐसी हालत क्यों नहीं हो पाई है कि गरीब से गरीब परिवार के बच्चे को बेहतर शिक्षा मिल पाए। आजादी के 75 साल बाद भी ये हालत क्यों है कि गरीब, किसान और आम आदमी के बच्चों को नौकरियां नहीं मिल पा रही है।
साथ ही उन्होनें कहा कि, उत्तर प्रदेश सरकार अपने नाकारापन से इतनी शर्मसार है कि जब किसी दूसरे राज्य का शिक्षामंत्री उत्तर प्रदेश के स्कूलों को देखने आया तो उसे रोकने के लिए पुलिस लगा दी गई, गिरफ्तार किया गया। शिक्षा पर बहस की बात की गई तो उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री डर के मारे आए ही नहीं। आज़ादी के 75 साल बाद भी आज उत्तर प्रदेश में ये हालत है कि मिड-डे-मील में बच्चों को नून-तेल रोटी दिया जा रहा है। जब कोई पत्रकार इसपर सवाल उठाये तो उसे गिरफ्तार कर 6 महीने के लिए जेल में डाल दिया जाता है। रिपोर्ट- कंचन अरोड़ा