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केजरीवाल सरकार छात्रों में विकसित करेगी उद्यमी बनने के गुण, सरकारी स्कूलों में लॉन्च किया जाएगा बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम

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नई दिल्ली:  केजरीवाल सरकार छात्रों में उद्यमी बनने के गुण विकसित करेगी। सरकारी स्कूलों में मंगलवार को एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के तहत बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम‌ लॉन्च किया जाएगा। केजरीवाल सरकार के स्कूलों में 11वीं-12वीं के हर बच्चे को 2 हजार रुपए सीड मनी दी जाएगी। दिल्ली में करीब 3.5 लाख छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। पायलट फेज में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम काफी सफल रहा है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। केवल राह दिखाने मात्र से वे एक सफल एंटरप्रेन्योर बन सकते हैं। सिसोदिया ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी की जो समस्या है उसका एकमात्र उपाय एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम है। दिल्ली के बच्चे एंट्रेप्रेंयूरिअल माइंडसेट के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब सीकर के बजाय जॉब प्रोवाइडर बनकर इस समस्या को दूर करेंगे।

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11वीं-12वीं के हर बच्चे को 2 हजार रुपए दी जाएगी सीड मनी : मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 2019 में दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की थी। इसके पीछे मकसद था कि स्कूलों और कॉलेजों से पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र इस मानसिकता से बाहर निकले कि उन्हें जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनना है। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देना है। यदि वे जॉब करने जाएं तो उनमे इतनी योग्यता हो की उन्हें नौकरी की लाइन में न लगना पड़े बल्कि नौकरी उनके पास आए। इसके बाद पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस खिचड़ीपुर में बिज़नेस ब्लास्टरर्स प्रोग्राम शुरू हुआ। इसका मकसद बच्चों में ये विश्वास जगाना था कि वे जो भी काम करे एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट के साथ करें। इसमें 41 बच्चों के 9 ग्रुप बने और हर बच्चे को 1-1 हज़ार रूपये की सीड मनी दी गई और इन बच्चों ने जमकर मुनाफा कमाया।

हमारे देश में लोग बेरोजगारी का समाधान राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर खोजते हैं : सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लोग बेरोजगारी का समाधान राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर खोजते हैं कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियां उपलब्ध करवाई जाएं। लेकिन मेरा मानना है कि यदि सभी जॉब सीकर के रूप में निकलेंगे तो जॉब प्रोवाइडर कौन बनेगा। ईएमसी बेरोजगारी की इस समस्या का समाधान बनेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के द्वारा ये सन्देश पूरे देश में जाएगा कि बेरोजगारी को खत्म करने व अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का समाधान केवल ईएमसी है। जिसे पूरे देश के सभी स्कूलों में अपनाने की ज़रूरत है।

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