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केजरीवाल सरकार दिल्ली में बना रही देश का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट: सत्येंद्र जैन

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नई दिल्ली:  केजरीवाल सरकार दिल्ली में देश का सबसे बड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बना रही है। यह एसटीपी 110 एकड़ क्षेत्रफल में फैला होगा और प्रतिदिन 564 मिलियन लीटर (एमएलडी) की क्षमता से सीवेज को शोधित करेगा। यह एसटीपी 2022 के अंत तक पूरा कर दिया जाएगा। सरकार इस परियोजना को समय से पहले पूरा करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है। इस एसटीपी के पूरा होने के बाद, यमुना में बहने वाले सीवेज का एक बड़ा हिस्सा साफ हो जाएगा। इस ट्रीटेड पानी का उपयोग भू-जल को पुनः से जीवंत करने के लिए किया जाएगा, जबकि शेष पानी को यमुना में छोड़ा जाएगा। दिल्ली के जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने ओखला में बन रहे भारत के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण स्थल का दौरा करने के दौरान यह जानकारी दी।

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इस प्लांट की रिकॉर्ड प्रतिदिन 564 लाख लीटर सीवेज ट्रीट करने की होगी क्षमता- सत्येंद्र जैन

दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने ओखला में बन रहे भारत के सबसे बड़े एसटीपी के निर्माण स्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार भारत में सबसे बड़ा सिंगल एसटीपी का निर्माण कर रही है। इस एसटीपी की क्षमता 564 एमएलडी है। इसका मतलब है यह कि निर्माण के बाद यह एसटीपी 564 एमएलडी सीवेज को यमुना में बहने से रोकेगा। साथ ही, यह एसटीपी बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और टोटल सस्पेंडेड सॉलिड (टीएसएस) को 10 मिलीग्राम प्रति लीटर करेगा, जो कि शोधित (ट्रीट) किए गए पानी का मानदंड हैं। ट्रीट किए गए दूषित पानी का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बनने के बाद यमुना में सिर्फ शोधित पानी ही छोड़ा जाएगा

इस एसटीपी में दक्षिण और मध्य दिल्ली के विभिन्न नालों और सीवरेज नेटवर्क से सीवेज प्राप्त होगा। अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए उन्नत प्रणालियों को इस एसटीपी के साथ एकीकृत किया जा रहा है। इस एसटीपी में 12 एकड़ में फैले लगभग 150 टन कीचड़ को सुखाने के लिए सोलर-ड्राइंग की व्यवस्था भी होगी। दूषित पानी से ठोस कणों को हटाने के लिए उन्नत सक्शन प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। इस एसटीपी के पूरा होने के बाद यमुना में बहने वाले दूषित पानी को रोका जा सकेगा। रिपोर्ट- कंचन अरोड़ा

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