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मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी को दिए गए निर्देश- गोपाल राय

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पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने लैंडफिल साइट्स पर लगने वाली आग की घटनाओं पर अपनी गंभीरता जताते हुए बताया कि दिल्ली में इस समस्या से स्थाई रूप से नियंत्रण पाने के लिए मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे हुए गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी को निर्देश दिए गए है।

Gopal Rai
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नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में लैंडफिल साइट्स को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) की अध्यक्षता में आज डीपीसीसी, एमसीडी, आईआईटी दिल्ली, पर्यावरण विभाग, टेरी, सीएसई, आईजीएल , गेल और अन्य सभी सम्बंधित विभागों के एक्सपर्ट के साथ उच्चस्तरीय बैठक की गई। इस बैठक में लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग लगने की घटनाओं को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की गई।

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एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत 10 विभागों की 500 टीमें तैनात

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने बताया कि इस बैठक में आईसीएआर- आईएआरआई के भूपिंदर सिंह और शिव प्रसाद , आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मनोज दत्ता , सीएसई से अतिन बिस्वास और डॉ. ऋचा सिंह , आईजीएल से नरेंद्र पांडेय , गौरव शर्मा और सुशांत चौधरी , टेरी से सुनील पांडेय , गेल से आशु सिंघल और संजीव कुमार जैसे कई विशेषज्ञ शामिल हुए।

डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को भी मुंबई जाने के निर्देश

सभी विभागों के विशेषज्ञों के साथ विचार- विमर्श के बाद मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने का फैसला लिया गया है। इसी के साथ डीपीसीसी और एमसीडी की संयुक्त टीमों को भी मुंबई जाने के निर्देश जारी किए गए है | और साथ ही लैंडफिल साइट्स में बढ़ रही आग की घटनाओं को रोकने लिए डीपीसीसी और एमसीडी की टीमों को सतत निरीक्षण के आदेश भी दे दिए गए है।

मुंबई के डंपिंग स्थल में लगे गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के निर्देश

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने लैंडफिल साइट्स पर लगने वाली आग की घटनाओं पर अपनी गंभीरता जताते हुए बताया कि दिल्ली में इस समस्या से स्थाई रूप से नियंत्रण पाने के लिए मुंबई के डंपिंग स्थल पर लगे हुए गैस सकिंग सिस्टम को अपनाने के लिए डीपीसीसी और एमसीडी को निर्देश दिए गए है। इस गैस सकिंग सिस्टम से कूड़े से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि लैंडफिल साइट्स में आग लगने का सबसे बड़ा कारण उसमे से लगातार निकलने वाली मीथेन गैस है, जो ना केवल आग कि घटनाओं को बढ़ावा देती है बल्कि वायुमंडल के लिए भी हानिकारक है।

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