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सड़कों पर झाड़ू लगाने की जगह भाजपा नेताओं के घर की चाकरी कर रहे एमसीडी के सफाई कर्मचारी- सौरभ भारद्वाज

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नई दिल्ली:  आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने भाजपा शासित एमसीडी के सफाई कर्मचारियों को कार्य स्थल से नदारत रहने के संबंध गंभीर खुलासा किया। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी के कर्मचारी सड़कों पर झाड़ू लगाने की जगह भाजपा नेताओं के घर की चाकरी कर रहे हैं। इसलिए सफाई कर्मचारी सड़कों पर नियमित झाड़ू नहीं लगाते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों ने भाजपा को एमसीडी में 15 साल दिया, फिर भी उन्हें सफाई की मूलभूत समस्या से निजात नहीं मिल सका। सफाई-व्यवस्था को लेकर दिल्ली की हो रही बदनामी के लिए सिर्फ भाजपा शासित एमसीडी जिम्मेदार है।

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भाजपा शासित एमसीडी के सफाई कर्मचारी सड़कों पर नियमित झाड़ू नहीं लगाते हैं- सौरभ भारद्वाज

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने आज पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि दिल्ली के अंदर आप किसी भी इलाके में चले जाइए। चाहे वह ग्रेटर कैलाश का पॉश इलाका हो, बादली का आउटर दिल्ली का इलाका हो, बुराड़ी की अनाधिकृत कॉलोनी हो, बसंतकुंज के फ्लैट हों, चांदनी चौक जैसा कोई बाजार हो या लाजपत नगर जैसी कोई मार्केट हो, आप कहीं पर भी निकल जाएं, वहां के किसी आरडब्ल्यूए, मार्केट एसोसिएशन या जनता के किसी नुमाइंदे से बात करें, सभी चौपट हो चुकी सफाई व्यवस्था पर खुल कर बात रखते हैं। आम आदमी पार्टी पिछले एक महीने से ‘आपका विधायक आपके द्वार’ नामक कार्यक्रम कर रहे हैं।

सड़कों पर हफ्ते में एक या दो दिन झाड़ू लगती है और कूड़ा उठाने वाला कोई नहीं आता है- भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एमसीडी के द्वारा सड़कों और गलियों की सफाई का काम बहुत बुरे हाल में हैं। एक गली में एक दिन झाड़ू लगेगी, तो फिर वहां अगले हफ्ते झाड़ू लगेगी या फिर जहां पर लोग फोन कर पूछते हैं कि झाड़ू क्यों नहीं लगी, तब वहां कर्मचारी को भेजकर के झाड़ू लगवाई जाती है। इसके बाद 10 दिनों तक वहां झाड़ू नहीं लगती है। कहीं पर हफ्ते में एक दिन तो कहीं दो दिन झाड़ू लगती है। अगर झाड़ू लग जाए, तो कूड़ा उठाने वाला कोई नहीं आएगा। कूड़ा को उठाकर अगर कूड़ घर में पहुंचा भी दिया जाता है, तो कूड़ा घर कूड़े से ओवरफ्लो करते रहते हैं और वहां पर पशु कूड़ा खा रहे होते हैं। दिल्ली वालों की जो बिल्कुल आधारभूत समस्या है, उन्हें उस समस्या से भी निजात नहीं मिली है।

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