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रायपुर : मुख्यमंत्री की भूपेश बघेल की घोषणा: गरियाबंद शासकीय कन्या हाई स्कूल का नामकरण बहादुर कलारिन के नाम पर

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संध्या गरियाबंद के सर्किट हाउस में विभिन्न समाज एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मण्डल से भेंट-मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एक-एक कर सभी समाज एवं संगठनों के प्रतिनिधियों से सामाजिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी लेने के साथ ही उनसे शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के संबंध में भी फीडबैक लिया।

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मुख्यमंत्री ने डड़सेना कलार समाज के आग्रह पर गरियाबंद शासकीय कन्या हाई स्कूल का नामकरण बहादुर कलारिन के नाम पर करने की घोषणा की। उन्होंने नवागढ़ में पिछड़ा वर्ग छात्रावास एवं नंदी की स्थापना के लिए स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही मनवा कुर्मी सामाजिक भवन परिसर की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल और पानी के लिए बोरिंग की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गांव को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। रीपा और गौठान इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि अब लोग शहर से गांव की ओर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने देवांगन समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि समाज रीपा में हाथकरघा के लिए काम करने तैयार है तो उन्हें विकासखण्ड स्तर पर भी अवसर मिलेगा। इसी प्रकार कुम्भकार समाज को भी रीपा के तहत अवसर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुम्भकार समाज के प्रतिनिधियों से इंग्लिश खपरेल बनाने का कार्य करने का सुझाव दिया। कुम्हार समाज के प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश स्तरीय महासभा में आने के आमंत्रण पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई। यह प्रदेश स्तरीय महासभा एक से सात जनवरी तक प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री की विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों से भेंट के दौरान तमिलनाडु से पहुंचे 14 किसानों की प्रतिनिधियों ने भी सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री का नारियल के पौधे और धान की बालियां भेंटकर स्वागत किया। कावेरी नदी किसान संगठन के सदस्य श्री सुंदर विमल ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों से प्रभावित होकर हम सभी मुख्यमंत्री से मिलने आए हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी से किसानों को सबसे अधिक लाभ हो रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को बोनस भी दिया जा रहा है, जिससे किसान समृद्ध हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री से कमार समाज के प्रतिनिधियों ने शासकीय सेवा में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्रता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। उन्होंने वन अधिकार पत्र के संबंध में बताया कि 13 दिसम्बर 2005 से पहले काबिज होने पर पट्टा दिया जाएगा। आदिवासी कंवर समाज के प्रतिनिधि ने बताया कि बच्चे पढ़ने-लिखने के लिए दूर जाते हैं, इसके लिए जिला मुख्यालय में भवन का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन होने पर भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जाएगी। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री भरत दीवान ने कलेक्टर कार्यालय में अम्बेडकर जी की प्रतिमा लगाने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री से कोसरिया महार समाज के प्रतिनिधियों ने अनुसूची में महार जाति दर्ज करने का निवेदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महार जाति इंग्लिश में लिखने पर कोई दिक्कत नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने गाड़ा समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि जमीन की व्यवस्था होने पर मांगलिक कार्य हेतु भवन के लिए राशि स्वीकृत की जाएगी। बौद्ध महार समाज, मानिकपुरी पनिका समाज और मगधा यादव समाज के प्रतिनिधियों द्वारा सामाजिक भवन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृत की जाएगी। ध्रुव समाज, सतनामी समाज, घसिया समाज को जमीन चिन्हांकित करने पर भवन देने की बात कही। इसी प्रकार पेंशनर समाज को भी जमीन रस्ट्रिेशन के बाद भवन के लिए स्वीकृति देने की बात कही। गरियाबंद मुख्यालय में डिस्ट्रिक कोड खोलने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिला मुख्यालय में प्रेस क्लब की मांग पर जमीन, भवन के लिए प्रक्रिया अपनाने और कलेक्टर को ड्राईंग डिजाईन तैयार कराने कहा। मुख्यमंत्री ने आदिवासी विकास परिषद द्वारा 170 ख के प्रकरणों की समीक्षा की मांग पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न समाजों की मांग पर सामाजिक भवन और अन्य कार्यों के लिए लगभग 1 करोड़ 53 लाख रूपए की मंजूरी प्रदान की। उन्होंने मुस्लिम समाज को सामुदायिक भवन और कब्रिस्तान के लिए 25 लाख रूपए, महारा समाज को भवन के लिए 20 लाख रूपए, हलबा समाज को भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए, रजा मुस्लिम समाज को भवन के लिए 15 लाख रूपए, मरार समाज को भवन के लिए 15 लाख रूपए, धोबी निर्मलकर समाज को गरियाबंद में भवन के लिए 15 लाख रूपए, सर्व सेन समाज को भवन के लिए 15 लाख रूपए, पठारी आदिवासी समाज को भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए, कबीरपंथ को सत्संग भवन के लिए 10 लाख रूपए, सिख समाज को गुरूद्वारा में लंगर के लिए अतिरिक्त कक्ष हेतु 7 लाख रूपए और बंजारा समाज को सामाजिक कार्य हेतु बर्तन के लिए एक लाख रूपए देने की घोषणा की।

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