एक ऐसी महिला जिसने क्रिकेट की दुनिया में एक छोटे से गांव से निकलकर साउथ अफ्रीका में जीत का परचम लहरा दिया। एक ऐसी महिला जिसने यह साबित कर दिया है कि महिलाएं बैडमिंटन और टैनिस के साथ-साथ क्रिकेट में भी सबके छक्के छुड़ा सकती हैं।
महज 18साल की उम्र की श्वेता सेहरावत ने अपने बल्ले से तूफानी पारी खेलते हुए सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। यूं तो क्रिकेट के लिए ये खुमार श्वेता को बचपन से ही रहा है। लेकिन जैसे जैसे श्वेता बड़ी होने लगी, क्रिकेट का रंग भी उनपर और गहरा चढ़ता चला गया। आइए जानते हैं श्वेता के नाजुक कलाइयों का ऐसा दमदार सफर, जिसने महिला क्रिकेट टीम को अंडर 19 वर्ल्ड कप में जगह दिलाई। और जिसके बाद श्वेता सबके दिलों से लेकर सबके स्टेटस पर छाई हुई हैं।
श्वेता सेहरावत 18 साल की उम्र में भारत के लिए कमाल कर रही हैं, और उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा है। भारतीय महिला अंडर-19 टीम ने साउथ अफ्रीका में खेले जा रहे टी-20 विश्व कप के पहले मैच में शानदार जीत हासिल की है। पहले ही मैच में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 7 विकेटों से मात दी। भारत की इस जीत में श्वेता का बड़ा योगदान देखा गया। लेकिन श्वेता के लिए भी यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। शुरुआती दौर से ही श्वेता को क्रिकेट सबसे ज्यादा पसंद था, जिसे खेलने के लिए वो काफी जिद भी करती थीं, लेकिन उनके घर वालों का ध्यान उनकी बड़ी बहन को क्रिकेटर बनाने पर था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्वेता ने बड़ी बहन को देखकर क्रिकेट सीखा और लंबे समय तक लड़कों के साथ खेलती रहीं।
श्वेता के पिता हमेशा ही उनकी क्रिकेट खेलने की बात को टालते रहे, लेकिन एक वकेत ऐसा आया जब श्वेता की बहन ने नई क्रिकेट एकेडमी में दाखिला लिया। यहां लड़कों की भी एकेडमी थी, इस दौरान कोच ने श्वेता को बल्लेबाजी करने के लिए कहा। और गेंद एक 14 साल के लड़के के हाथ में थी, लेकिन अपने से दोगुनी उम्र के लड़के की गेंद पर श्वेता ने शानदार शॉट लगाया और उनके पिता ने अगले दिन ही पूरी क्रिकेट किट उन्हें लाकर दे दी। यहीं वो पल था जहां से श्वेता के क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई।
श्वेता चार साल तक लड़कों के साथ खेलती रहीं। इससे उनका डर खत्म हो गया, और वो निडर होकर रन भी बनाने लगीं। इसके बाद जब वह लड़कियों की टीम में खेलीं तो उनके खेल का स्तर बाकी लोगों से कहीं अलग था। उन्होंने घरेलू टूर्नामेंट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और अंडर-19 टीम की कप्तान भी रहीं। अंडर-19 टी20 विश्व कप में शेफाली वर्मा और ऋचा घोष सीनियर टीम से जूनियर टीम में आईं तो श्वेता को उपकप्तान बना दिया गया। हालांकि, बल्ले के साथ उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया, और आगे बढ़कर टीम को जीत दिलाई। अब भारत की मुख्य टीम में भी श्वेता जल्द ही दिख सकती हैं। वहीं, महिला आईपीएल की नीलामी में उन पर बड़ी बोली लगना तय है।
और भारत को ये जीत दिलाते हुए श्वेता ने उन तमाम लड़कियों को मजबूती दी है, जो खेल जगत में अपना नाम तो रोशन करना चाहती हैं, लेकिन कहीं ना कहीं किसी भी कारण से अपने कदम पीछे कर लेती हैं। देश अपनी बेटी श्वेता सेहरावत के इस जज्बे और हौसले को सलाम कर रहा है।
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