भारतीय पुरुष और महिला राष्ट्रीय हॉकी टीम के पूर्व कोच सोजर्ड मारिजने (Sjoerd Marijne) ने भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह पर राष्ट्रीय टीम में पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
अपनी जल्द-से-रिलीज़ होने वाली किताब (Will Power) में मारिजने ने खुलासा किया कि मनप्रीत सिंह ने एक युवा खिलाड़ी को अच्छा नहीं खेलने के लिए कहा था ताकि उनका दोस्त राष्ट्रीय टीम में शामिल हो सके। किताब बताती है कि मारिन ने गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय पुरुष टीम में एक किशोरी को चुना था।
हालांकि वो खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया, जिससे (वह) कोच हैरान रह गए। उन्होंने आगे बताया, “कुछ हफ्ते बाद, खेलों के बाद की एक बैठक में, मैंने उच्च प्रदर्शन वाले निदेशक डेविड जॉन से जाना कि इस खिलाड़ी ने दावा किया था कि मनप्रीत ने उसे इतना अच्छा खेलना बंद करने के लिए कहा था क्योंकि उसके दोस्त टीम में शामिल नहीं हो पाए थे।
मारिजने ने अपनी पुस्तक में लिखा है, “मुझे नहीं पता कि मनप्रीत ने मजाक के रूप में ऐसा कहा था लेकिन इसने मुझे इतना क्रोधित कर दिया।” अपनी पुस्तक में मारिजने का यह भी दावा है कि हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने 2019 में कप्तान रानी रामपाल के अलावा किसी भी भारतीय महिला खिलाड़ी टीम के लिए ध्यान में नहीं रखा।
अब भारतीय पुरुष और महिला दोनों टीमों ने डचमैन द्वारा लगाए गए इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है। टीमों ने बयान जारी कर कहा, “हमने आज प्रेस में देखा है कि हमारी टीमों के पूर्व मुख्य कोच श्री सोजर्ड मारिन द्वारा कुछ परेशान करने वाले आरोप लगाए जा रहे हैं। हम अपनी व्यक्तिगत जानकारी और झूठे आरोपों के शोषण में अपनी गहरी निराशा व्यक्त करने के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने हमारी प्रतिष्ठा की कीमत पर अपनी पुस्तक को बेचने के लिए हमसे व्यावसायिक लाभ के लिए कोचिंग देने के अपने समय का उपयोग किया है।”
बयान में यह भी कहा गया है कि हॉकी इंडिया सोजर्ड मारिन और उनकी पुस्तक ‘Will Power’ के प्रकाशकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।