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Fake Fielding: क्या होती है फेक फील्डिंग जिसके आरोपों में फंसे विराट कोहली?

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बीते दिन हुए बंग्लादेश में हो रहे कड़े मुकाबले में भारत ने बंग्लादेश को हराकर अपनी जगह सेमीफाइनल में लगभग पक्की कर ली है, लेकिन आज आज एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसको लेकर बवाल मचा हुआ है आपको बता दें मिली जानकारी के हिसाब से उस मैच में भारत के सलामी बल्लेबाज पर बंगलादेश ने फेक फील्डींगके गंभीर आरोप लगाएं हैं। जो कि सुर्खियां बनी हुई है।

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दरअसल हुआ ये कि ये मामला 7वें ओवर का है। जब अक्षर पटेल की गेंद पर लिटन दास ने डीप पॉइट पर एक तेज शॉट खेला। वहां अर्शदीप सिंह ने गेंद को फील्ड करके थ्रो किया। इस बीच बल्लेबाज दूसरे रन के लिए भाग चुके थे। विराट पॉइंट पर फील्डिंग कर रहे थे। यहीं से फेक फील्डींग का मामला सामने आया है बता दें कि जब गेंद उनके पास से गुजरी तो उन्होंने नॉन स्ट्राइकर खिलाड़ी की तरफ थ्रो करने की एक्टिंग की जबकि असल में उनके हाथों में गेंद थी ही नहीं। इसीलिए जैसे इस बात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तुरंत ही बवाल शुरू हो गया और फेक फील्डींग चर्चा में आ गई।

क्या होती है फेक फील्डिंग

 जानकारी के लिए बता दें कि फेक फील्डिंग नियम आईसीसी लॉ 41.5 में आता है। इसमें कहा गया है कि- कोई भी फील्डर जानबूझकर  अगर किसी भी तरह से कोई खिलाड़ी को गलत एक्शन से दूसरे खिलाड़ी को प्रभावित करने की कोशिश करता है उसे हम फेक फील्डिंग के दायरे में कहते हैं।- क्लॉज 41.5.2 के मुताबिक, ‘यह किसी एक अंपायर को तय करना होता है कि कोई फील्डर ने यह जानबूझकर किया है या नहीं।’ उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी प्लेयर के हाथ में गेंद हो और वो थ्रो फेंकने का एकटिंग करे लेकिन  फेके न तब ये मामला सामने आता है।  उस पर अगली टीम को नियमानुसार रन भी मिलते हैं।

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