
S Jaishankar UPSC Interview : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने हाल ही में संकल्प फाउंडेशन में सिविल सेवा के छात्रों को संबोधित किया है. जहां उन्होंने अपने UPSC इंटरव्यू की यादों को साझा किया. उन्होंने बताया कि यह इंटरव्यू महज एक नौकरी के लिए नहीं था, बल्कि एक ऐसी सीख थी जिसने उनकी सोच और जीवन को बदल कर रख दिया.
21 मार्च 1977: UPSC इंटरव्यू और देश का बड़ा फैसला
बात 21 मार्च 1977, की है जब एस. जयशंकर सिर्फ 22 साल के थे और शाहजहां रोड स्थित UPSC भवन में इंटरव्यू देने पहुंचे थे. यह वही दिन था जब देश से आपातकाल हटाया गया था. दूसरी और आम चुनावों के नतीजे सामने आए. उन्होंने बताया कि ये सिर्फ उनका इंटरव्यू नहीं था, बल्कि देश के लोकतंत्र के पुनर्जन्म का दिन भी था.
जब जयशंकर ने दिया था इंटरव्यू
22 वर्षीय एस जयशंकर (S Jaishankar) उस दिन की सुबह सबसे पहले शाहजहां रोड स्थित इंटरव्यू देने पहुंचे. उन्होंने बताया कि..

लुटियंस बबल और लोकतंत्र की परिभाषा
अपनी यादों को साझा करते हुए एस. जयशंकर ने बताया कि कई लोग आज भी “लुटियंस बबल” में रहते हैं, जिन्हें देश की असली तस्वीर का अंदाजा नहीं होता. उन्होंने लोकतंत्र की असली सफलता को वोटिंग प्रतिशत से नहीं, बल्कि आम जनता की आवाज उठाने की क्षमता से जोड़ा.
UPSC: सिर्फ परीक्षा नहीं, नेतृत्व की कसौटी
उन्होंने यह भी कहा कि UPSC सिर्फ एक परीक्षा नहीं है, बल्कि यह नेतृत्व, सोच, और लोकतांत्रिक मूल्यों की परीक्षा है. यह अनुभव जीवन भर का होता है और इंसान को न सिर्फ एक अधिकारी बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक भी बनाता है.

गौरतलब है कि S. Jaishankar की कहानी हर UPSC अभ्यर्थी के लिए प्रेरणादायक है. यह बताती है कि कैसे एक दिन, एक इंटरव्यू, और एक सोच आपको सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि देश के भविष्य से जोड़ सकती है.
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