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Chaitra Navratri 2022: मां कूष्मांडा के दर्शन से दूर होगा संकट, इस मंत्र का जाप करने से होगीं प्रसन्न

कूष्मांडा
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इन दिनों देवी आराधना का पर्व नवरात्र चल रहा है और हर दिन देवी के अलग-अलग रूप की पूजा करने का विधान है काशी में नव दुर्गा के अलग-अलग मंदिर हैं और हर दिन अलग देवी के दर्शन की मान्यता है आज चौथा दिन है और देवी के कूष्मांडा (Devi Kushmanda) स्वरूप जिसे दुर्गा रूप में पूजा जाता है। उनके दर्शन का विधान है काशी के दुर्गा कुंड क्षेत्र में स्थित इस मंदिर की महिमा अपरंपार है। सुबह से भक्तो का ताता माँ के दर्शन के लिए लगा हुआ हैं। मान्यता है कि माता स्वयं यहां अदृश्य रूप वास करती हैं। यहां दर्शन करने मात्र से डर भय दूर होता है और माता भक्तों पर अपनी कृपा बनाती हैं।

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मां कूष्मांडा का पूजन

इस दिन भी आप सबसे पहले कलश और उसमें उपस्थित देवी-देवता की पूजा करें। फिर देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ विराजमान देवी- देवताओं की पूजा करें। इनकी पूजन के पश्र्चात देवी कूष्मांडा का पूजन करें। देवी कूष्मांडा (Devi Kushmanda) को लाल पुष्प अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए उनके पूजन में इन्हें अवश्य अर्पित करें और फल मिष्ठान का भोग लगाएं। मां कूष्मांडा के पूजन के दौरान मां को हरी इलाइची, सौंफ या कूम्हड़ा अर्पित करें। कपूर से आरती करें।

मां कूष्मांडा के मंत्र

मां कुष्मांडा का पूजन करते समय 108 बार इन मंत्रों का जाप करना चाहिऐ। जानिए

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्‍मांडा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

ध्यान मंत्र:

वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।

सिंहरूढाअष्टभुजा कुष्माण्डायशस्वनीम्॥

मां कुष्मांडा के इस रूप का दर्शन करने से भक्तों के दूर हो जाते है सकंट

नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के स्वरूप के दर्शन का विधान है चेहरे पर अद्भुत तेज और सिंह पर सवार मां कुष्मांडा के इस रूप का दर्शन करने मात्र से भक्तों के अंदर व्याप्त डर भय दूर होता है और मां भक्तों को शक्ति का संचार करने का आशीर्वाद देते हैं मां के इस रूप के दर्शन करने के लिए वैसे तो हर बार दूर-दूर से लोगो यहां पर आते है ,माँ की दर्शन के लिये देर रात से भक्त अपनी बारी की इंतजार करते नजर आ रहे आप को बता डे माता रानी को नारियल और गुड़हल की माला बहुत अधिक पसंद है माँ की जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गुंज उठा! फ़िलहाल नवरात्र के चौथे दिन माता के स्वरूप के दर्शन के साथ आप अपने दिल को उत्तम बनाएं।

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