
तीन साल पहले आज ही यानी कि 5 अगस्त 2020 को, अयोध्या के पवित्र भूमि पर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया था। बता दें कि इस दिन, भगवान श्रीराम के नए और भव्य मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन का आयोजन किया गया था। इस एतिहासिक दिन को पूरे हुए तीन साल हो चुके हैं। इसी दिन भारतीय समाज ने एक नए अध्याय की शुरुआत की। भगवान श्रीराम के पवित्र अवतार के रूप में मंदिर की भूमि पर भव्य भूमि पूजन का आयोजन करने से भारतीय संस्कृति और धरोहर को नई पहचान मिली।
यह दिन भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए अविस्मरणीय दिन है। मन में बसे सपनों को साकार करने का यह कदम महत्वपूर्ण था, जिससे नहीं सिर्फ एक मंदिर का निर्माण हुआ, बल्कि एक साक्षर इतिहास की शुरुआत हुई। भगवान श्रीराम के पवित्र अवतार के रूप में मंदिर की भूमि पर भव्य भूमि पूजन का आयोजन करने से भारतीय संस्कृति और धरोहर को नई पहचान मिली।
अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण समर्पण और एकता की मिसाल है। इस मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया ने भारतीय समाज को एक साथ आने का मौका दिया और विभिन्न सामाजिक वर्गों के लोगों को एक साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा दी। यह मंदिर एकता, सद्भावना और सहयोग की उच्च मिसाल कायम करता है जो हमारे समाज में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
अयोध्या, भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण और पवित्र स्थलों में से एक है। भगवान श्री राम के अवतार के रूप में उसका महत्व अत्यधिक है। राम मंदिर इस महत्वपूर्ण स्थल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मंदिर के निर्माण से यह सुनिश्चित होता है कि हमारी संस्कृति और विरासत की सजीवता सुरक्षित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को यह धरोहर मिलती रहेगी।
अयोध्या राम मंदिर एक नए भव्य युग की शुरुआत है। यह मंदिर हमारे समाज की एकता, सहयोग और आदर्शों की मिसाल है। भगवान के नाम पर निर्मित इस मंदिर में होने वाले भक्ति और पूजा उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे।
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