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पंजाब में भीख मांगते बच्चों पर सख्त एक्शन! सरकार ने 6 दिन में 137 बच्चों को बचाया, अब होगा कड़ा कानून

Jeevanjyot Project : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गतिशील नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा बाल भिक्षावृत्ति को जड़ से खत्म करने के लिए चलाए जा रहे ‘जीवनजोत प्रोजेक्ट 2.0’ के अब ठोस परिणाम सामने आने लगे हैं. समाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी कि अभियान की शुरुआत से अब तक मात्र 6 दिनों में 137 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है.


सख्ती और योजना का असर

उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के 16 जिलों में 19 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिनके दौरान 20 और बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया. डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि अभियान को ज़मीनी स्तर पर योजनाबद्ध व सख्ती से लागू करने के परिणाम स्वरूप कई स्थानों पर कोई भी बच्चा भीख मांगते हुए नहीं पाया गया, जो कि सरकार की कोशिशों की प्रभावशीलता को दर्शाता है.


20 बच्चों का सफल रेस्क्यू, 13 परिवारों को सौंपे गए

उन्होंने कहा कि आज रेस्क्यू किए गए 20 बच्चों में से 13 को दस्तावेजों की जांच व माता-पिता से परामर्श के बाद उनके परिवारों को सौंप दिया गया, जबकि 7 बच्चों को पटियाला के बाल गृह में भेजा गया है. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आज किसी भी बच्चे के मामले में एफआईआर या डीएनए जांच की आवश्यकता नहीं पड़ी, परंतु पटियाला बाल कल्याण समिति द्वारा जांच जारी है, और यदि आवश्यकता पड़ी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.


भीख मंगवाने वाले अभिभावकों पर होगी सख्त कार्रवाई

माता-पिता को चेतावनी देते हुए डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि यदि कोई अभिभावक दोबारा अपने बच्चों को भीख मांगने के लिए भेजता पाया गया, तो उसे अयोग्य संरक्षक घोषित कर, उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आम जनता और सिविल सोसाइटी से अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि किसी भी बच्चे को भीख न दी जाए, बल्कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर फ़ोन करके तुरंत सूचना दी जाए, ताकि बच्चे की सुरक्षा और भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके.


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