उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आ रहा है। कभी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ओमप्रकाश राजभर (OmPrakash Rajbhar) की पार्टी सुभासभा ( सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी) में फूट पड़ गई है। खुद राजभर के खिलाफ पार्टी में बगावत का दौर शुरू हो चुका है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर ने सोमवार को अन्य बड़े नेताओं के साथ पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी प्रमुख ओपी राजभर पर आरोप लगाते हुए महेंद्र राजभर ने आरोप लगाया कि ओमप्रकाश राजभर पार्टी के मकसद से भटक गए है। उन्होंने कहा कि पार्टी के स्थापना तो समाज के उत्थान के लिए हुई थी लेकिन अब वह अपने असली लक्ष्य से दूर हो गई है।
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ऐन केन प्रकारेण सिर्फ धन बटोरने के चक्कर में लगे रहते हैं। 20 साल पहले 27 अक्टूबर 2002 को सबकी मौजूदगी में पार्टी की स्थापना की गई थी।
उस समय पार्टी का मिशन गरीब, दलित, मजदूर और वंचित समाज का उत्थान रखा गया था जबकि उसके बाद से कार्यकर्ताओं के खून-पसीने से बनी पार्टी का इस्तेमाल उन्होंने केवल धन बटोरने के लिए किया। उनकी इस सियासत से आहत होकर प्रदेश महासचिव अर्जुन चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ.अवधेश राजभर सहित दर्जनों साथियों सहित सुभासपा की सदस्यता छोड़ने का निर्णय लिया है।”
इन दिनों ओमप्रकाश राजभर अपनी सावधान यात्रा पर निकले हुए है जो कि उन्होंने वाराणसी से शुरू की थी। इस यात्रा का अंत बिहार की राजधानी पटना में होगा। सुभासपा की सावधान यात्रा का एलान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पदयात्रा की बाद हुआ था और अपनी इस यात्रा के माध्यम से वह सपा के खिलाफ लोगों को सावधान करने का काम कर रहे है।
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