Punjab: सिद्धू और चन्नी गुट ने लगाई राहुल दरबार में हाजिरी, सीएम फेस के लिए किसकी लगेगी लॉटरी !
पंजाब दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एलान किया कि पंजाब में कांग्रेस सीएम चेहरे के साथ चुनाव लड़ेगी. इसके बाद से ही सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सीएम चेहरे को लेकर जंग तेज हो गई. दोनों गुटों के नेता और कार्यकर्ता दिल्ली दरबार के आगे उनका प्रस्ताव रखें इसके लिए दोनों धड़ों ने तेजी से लॉबिंग करना शुरू कर दिया. हालांकि सीएम पद के चेहरे की इस रेस में फिलहाल चन्नी सिद्धू से आगे नजर आ रहे हैं.
सीएम चन्नी दिख रहे आगे
चरणजीत सिंह चन्नी के लिए सबसे खास बात यह है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम और दलित वोट बैंक का गणित देखें तो वह सीएम के पक्ष में हैं. चन्नी न केवल विधानसभा चुनाव अपनी सीट पर जीते बल्कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी को अपनी सीट से सबसे ज्यादा वोट दिलवाया. चन्नी के सहारे कांग्रेस पंजाब में 32 फीसदी दलित वोट बैंक को साध सकती है. जबकि सिद्धू जिस जाट सिख कम्युनिटी से आते हैं, उनके सिर्फ 19 फीसदी वोट हैं जिसमें अकाली दल का भी दबदबा माना जाता है.
111 दिन में ताबड़तोड़ फैसले
इसके अलावा चन्नी ने जब से सीएम पद संभाला है उसके बाद से ही चन्नी ने 111 दिन में ताबड़तोड़ फैसले लिए. कैप्टन की महाराजा छवि को तोड़ा. Vip इमेज को भी काफी कम किया. हालांकि अंतिम दिनों में उनकी साली के बेटे भूपिंदर हनी पर ईडी की रेड पड़ी, जिसके बाद से वे सवालों के घेरे में आ गए. बीजेपी और अकाली भी लगातार इस मसले पर चन्नी को घेर रहे हैं क्योंकि अवैध रेत माफिया पंजाब के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है.
तीन बार पार्षद बने चन्नी
इतना ही नहीं, चन्नी तीन बार पार्षद का चुनाव जीते. इसके अलावा वे खरड़ नगर काउंसिल के अध्यक्ष भी रहे. साल 2007 में कांग्रेस पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय जीते. इसके बाद 2012 और 2017 में चमकौर साहिब सीट से विधायक बने. उन्हें 61 हजार 60 वोट मिले. उनका वोट प्रतिशत 42.26 फीसदी रहा. 2017 में कैप्टन अमरिंदर की सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री बने.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आनंदपुर साहिब सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को चमकौर साहिब से 46.99 फीसदी वोट मिले. चन्नी की पकड़ और वोट बैंक के बदौलत पार्टी को इस सीट से जीत मिली. इसी सीट से कांग्रेस के मनीष तिवारी सांसद हैं, जो अकसर सिद्धू पर निशाना साधते रहते हैं.