तृणमूल सांसद के ‘पापड़ी चाट’ पर नकवी ने कहा, ‘तो आप फिश करी लें, लेकिन संसद को मछली बाज़ार न बनाएं’
नई दिल्ली: मॉनसून सत्र की शुरूआत से ही संसद के दोनों सदनों में हंगामा लगातार जारी है। कई मुद्दों पर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। चाहे वो पेगासस मामला हो, या कृषि कानून, कोविड की स्थिति, या बढ़ती महंगाई। हर बार सदन की कार्यवाही को स्थिगित करना पड़ रहा है।
उधर ट्विटर पर भी सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर निशाना साधने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
मुख़्तार अब्बास नकवी का बयान
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन के बयान पर एक बार फिर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि संसद भवन को मछली बाज़ार न बनाएं।
टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को ट्वीट करके मोदी-शाह पर हमला बोला था। साथ ही जल्दबाज़ी में कानून पास कराए जाने पर आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा था, “पहले दस दिनों में, मोदी-शाह ने जल्दबाजी मचाते हुए 12 क़ानून पास करवाए हैं। हर क़ानून को पारित होने में औसत 7 मिनट से भी कम समय का वक़्त लगा है। ये कानून पास हो रहे हैं या पापड़ी चाट बन रही है!”
इस बयान पर अब केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने पलटवार करते हुए कहा है, “अगर उन्हें पापड़ी-चाट खाने से एलर्जी है तो वो फिश करी ले सकते हैं। लेकिन संसद को मछली बाज़ार न बनाएं। दुर्भाग्य से, जिस तरह से संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने की साजिशों के साथ काम हो रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”
उन्होंने ये भी कहा कि “कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों का रवैया संसदीय परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों को हाईजैक करने की साजिश है। बड़ी संख्या में विपक्ष के साथी संसद को सुचारु रूप से चलाना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस और उसके कुछ अन्य साथियों द्वारा अराजकता की पराकाष्ठा पार की जा रही है।”
मोदी ने भी की थी आलोचना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में इस बयान पर आपत्ति जताते हुए, बयान को अपमानजनक बताया था।
डेरेक ओ ब्रायन ने अपने ट्वीट के साथ एक चार्ट के हवाले से कानून को पास करने का औसतन समय बताया था।
चार्ट के मुताबिक़, किसी कानून को पास किए जाने में न्यूनतम एक मिनट लगा है तो वहीं किसी कानून को पास करने में विचार विमर्श के लिए अधिकतम 14 मिनट का समय लिया गया है।
इनमें से चार कानून राज्यसभा में जबकि आठ कानून लोकसभा में पास किए गए हैं। हालांकि, कानून पास करने में लगे समय में मंत्री द्वारा दिए गए भाषण के समय को शामिल नहीं किया गया है।
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कॉपी- आरती अग्रावत