आगामी लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Election 2023 ) में चुनाव आयोग द्वारा सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए निर्देश दिए गए हैं। इस निर्देश में इलेक्शन कैंपेन में दिव्यांगों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ इस चुनाव में सुविधा देने की बात कही है। आइए विस्तार से जानते है कि किन सुविधा की बात चुनाव आयोग ने इस निर्देश में की हैं।
इस निर्देश में पार्टियों को कहा गया है कि दिव्यांगों के लिए गूंगा, पागल, सिरफिरा, अंधा, काना, बहरा, लंगड़ा, लूला, अपाहिज जैसे शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए। इसी के साथ पार्टियों को चुनावी कैंपेन के दौरान सोशल मीडिया या फिर नेताओं की स्पीच, मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज में भी इन शब्दों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार यदि किसी भी पार्टी से इसे लेकर चूक देखी गई या फिर इन नियमों का उल्लंघन किया गया तो उन्हें दिव्यांगजन अधिकार एक्ट, 2016 के सेक्शन 92 के तहत 5 साल तक की जेल हो सकती है। ऐसे में इस बार के चुनाव में सतर्क रहने की आवश्कता है।
इस निर्देश में पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को रिव्यू करने की सलाह दी गई है। इसी के साथ पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को दिव्यांगों के लिए भी जारी करने होंगे।
इस निर्देश में यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि पार्टियों को अपनी वेबसाइट पर इस बात की जानकारी देनी होगी कि वह दिव्यांगों को भी सामान्य लोगों की तरह सम्मान से देती है। इस संबंध में पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं के लिए भी ट्रेनिंग मॉड्यूल जारी करना होगा। यह मॉड्यूल दिव्यांग जनों से संपर्क करने में कार्यकर्ताओं को मदद करेगा।
पार्टियों को दिव्यांगों की शिकायत सुनने के लिए अथॉरिटी भी अपॉइंट करनी चाहिए। इसी के साथ इस निर्देश में पार्टियों को दिव्यांग लोगों को कार्यकर्ता या मेंबर बनाने की भी सलाह दी है। इससे दिव्यांगों की भी भागीदारी चुनाव के दौरान देखने को मिलेगी
बता दें कि इस सुविधा के तहत दिव्यागों के लिए वोट फ्रॉम होम की सुविधा देने की बात कही है। आपको बता दें कि इस से पहले भी वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा कई कोशिशें की गई है। वहीं अब आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भी इस सुविधा को शुरु किया जा रहा है। इस सुविधा के तहत आपको बता दें कि 40% से ज्यादा दिव्यांग लोग घर से वोट डाल सकते थे।
आपको बता दें कि इस से पहले इस सुविधा को पांच राज्यों में हुए चुनाव में भी जारी किया गया था। । इसके लिए उन्हें चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के 5 दिन के अंदर एक फॉर्म भरना होता था। इसके बाद सरकारी कर्मचारी वोटिंग के लिए दिव्यांगों के घर पहुंचे थे। इस प्रोसेस की वीडियोग्राफी भी की गई थी।
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