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19 तारीख से शुरू हो रहा है मानसून सत्र, क्या राहुल गांधी संभालेंगे लोकसभा में पार्टी की कमान?

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नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। लेकिन इसी के साथ कांग्रेस के सामने फ़िलहाल सबसे बड़ा सवाल ये है कि सत्र के दौरान सदन में पार्टी के नेता की ज़िम्मेदारी कौन संभालेगा? क्या राहुल गांधी इस पद को संभालेंगे?

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समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सत्र से पहले बुधवार को पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की एक बैठक पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली है।

बैठक में राहुल गांधी, लोकसभा में पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा दोनों सदनों में पार्टी के उप-नेता आनंद शर्मा और गौरव गोगोई के शामिल होने की उम्मीद हैं।

इसके अलावा ऐसी चर्चा है कि आगामी संसद सत्र में कांग्रेस पार्टी, अधीर रंजन चौधरी की जगह किसी दूसरे नेता को सदन में पार्टी का नेता बना सकती है। लेकिन वो क्या राहुल गांधी होंगे? ये सवाल लगातार बना हुआ है।

साथ ही कुछ कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान से दूरी बनाये रखने वाली ‘ज़िद’  को अब छोड़ देना चाहिए और पार्टी के अध्यक्ष पद पर लौट कर पार्टी की कमान संभालनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, रवनीत बिट्टू, शशि थरूर, गौरव गोगोई और उत्तम रेड्डी को संसद में पार्टी का नेता बनाए जाने की चर्चाएं भी लगातार होती रही है, लेकिन वो भी इसी उम्मीद के साथ कि अंत में पार्टी की कमान राहुल गांधी ही संभाल लेंगे।

हालांकि, कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर राहुल गांधी अब भी इसके लिए तैयार नहीं होते हैं, तो सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर ज़िम्मेदारी राजनीतिक परिस्थिति और आगामी चुनावों के मद्देनजर पंजाब के किसी नेता को सौंपी जा सकती है।

गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलना है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मानसून सत्र से पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है।

सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी ने जानकारी दी है कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया है। साथ ही इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की भी संभावना है।

दरअसल, सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की सर्वदलीय बैठकें सत्र आरंभ होने से पहले बुलाई जाती हैं।

 

 

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