1 फरवरी को वित्त मंत्री निरमला सीतारमण बजट (Budget 2023) पेश करने वाली हैं। इस बजट में क्या खास होने वाला है, किसकी जेब को फायदा या नुकसान होने वाला है, ये काफी दिलचस्प होगा। आज हम आपको बजट के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें बताएंगे।
भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था। इसे ब्रिटिश शासन के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन ने पेश किया था। उस समय भारत गुलाम देश था और भारतीयों को बोलने का अधिकार नहीं था।
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को त्तकालिन वित्त मंत्री आर.के। पनमुखम चेट्टी ने पेश किया था। ये बजट आजादी के दंगों के बीच पेश किया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं। उस समय इंदिरा गांधी सरकार के वित्त मंत्री मोरारजी देसाई हुआ करते थे, कैबिनेट से इस्तीफा देने के कारण इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय संभाला और 1970-71 का बजट खुद पेश किया था।
भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम है। उन्होंने कुल 10 बार बजट पेश किया है। इसमें दो अंतरिम बजट भी शामिल है। खास बात ये है कि मोरारजी देसाई का जन्मदिन 4 साल में एक बार 29 फरवरी को आता था। उन्होंने दो बार 1964 और 1968 में अपने बर्थडे पर बजट पेश किया था।
आजाद भारत के इतिहास में कई पूर्व प्रधानमंत्रियों ने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्रभार संभाला था। इसमें जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम शामिल हैं। जवाहर लाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया था।
सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड निर्मला सीतारमण के नाम हैं। उन्होंने 2020 में बजट भाषण दिया था जोकी 2 घंटे 42 मिनट का था। इससे पहले ये रिकॉर्ड अरूण जेटली के नाम था, उन्होंने 2 घंटे 5 मिनट का बजट भाषण दिया था।
पहले बजट 28 या 29 फरवरी को शाम 5 बजे पेश किया जाता था। ये परंपरा 1999 तक चली, लेकिन साल 2000 में जब NDA की सरकार बनी तो इस परपंरा को तोड़ते हुए इसे 1 फरवरी सुबह 11 बजे कर दिया गया।
आजाद भारत के इतिहास में कुछ ऐसें भी नाम हैं जो वित्त मंत्री तो बने लेकिन एक भी बजट पेश नहीं किया। जिनमें क्षितिज चंद्र नियोगी, हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्तल तिवारी का नाम शामिल हैं।
किसी भी शुभ काम की शुरुआत मीठे से की जाती है। यहीं कारण है कि बजट को शुरू करने से पहले हलवा रस्म की शुरुआत की गई। परंपरा के अनुसार, एक बड़ी सी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है और वित्त मंत्री सभी अधिकारियों और स्टाफ को हलवा परोसकर उनका मुंह मीठा करवाते हैं।
पहले बजट की प्रिंटिग राष्ट्रपति भवन में प्रिंट होती थी। 1950 में बजट लीक होने के कारण सरकार ने नॉर्थ ब्लॉ क में प्रिंटिंग प्रेस लगाने का फैसला किया। तब से आज तक बजट नॉर्थ ब्लॉंक में ही प्रिंट किया जाता है।
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