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पहलवानों के समर्थन में आया यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग, 45 दिनों में चुनाव नहीं हुआ तो…

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भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले पर सियासत भी गरमाई हुई है, जहां एक तरफ खुद पहलवानों ने बीजेपी सांसद और WFI अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दल इसे सियासी रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी नेता भी पहलवानों के मुद्दे भी केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। अब इस पूरे मामले पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू यानी यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग ने बड़ा ऐलान किया है।

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गौरतलब है कि बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत देश के कई नामी पहलवान राजधानी स्थित जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। पहलवानों ने बीजेपी सांसद के खिलाफ एक महीने से भी ज्यादा विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि बीती 28 मई को जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे, उसी वक्त पहलवान नए संसद भवन की इमारत के सामने धरना देने के लिए संसद की ओर बढ़ रहे थे। तभी तैनात सुरक्षाबलों ने पहलवानों को रोक लिया। इसी दिन पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लिया और पिछले एक महीने से धरनास्थल पर लगे तंबूओं को हटा दिया गया।

यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने कहा है कि ‘कई महीनों से हम भारत में हालात को लेकर चिंतित हैं जहां पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ उत्पीड़न और शोषण के आरोपों को देकर प्रदर्शन कर रहे हैं’।

आपको बता दें कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने WFI अध्यक्ष का चुनाव कराने की बात कही है। इसके साथ 45 दिनों का अल्टीमेटम भी दिया गया है। अगर 45 दिनों में WFI अध्यक्ष का चुनाव नहीं किया जाता है तो WFI यानी रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को निलंबित कर दिया जाएगा।

अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण को अध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया जाएगा।

यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने कहा कि ‘हमने देखा है कि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को शुरूआत मे ही अलग कर दिया गया और वह अब कुश्ती का कामकाज नहीं देख रहे हैं।’

यूनाइटेड वर्ल्ड रेस्लिंग कहा है कि ‘पिछले कुछ दिनों का घटनाक्रम और चिंताजनक है क्योंकि पहलवालों को पुलिस ने प्रदर्शन के कारण अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया। उनके प्रदर्शन स्थल को भी खाली करा लिया गया। हम पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हैं। इसके अलावा अभी तक जांच के नतीजे नहीं आने पर भी निराशा व्यक्त करते हैं। हम संबंधित अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष और संपूर्ण जांच कराने का अनुरोध करते हैं। हम पहलवानों से उनकी स्थिति और सुरक्षा को लेकर बात करेंगे और उनकी शिकायतों के निष्पक्ष और न्यायसंगत समाधान के पक्षधर हैं।’

यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने आईओए यानी भारतीय ओलंपिक संघ को 45 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि ‘अंत में हम आईओए और तदर्थ समिति से अगली आमसभा की बैठक के बारे में जानकारी चाहते हैं। चुनाव के लिए दी गई 45 दिन की समय सीमा का सम्मान किया जाए। इसके भीतर चुनाव नहीं होने पर डब्ल्यूएफआई को निलंबित किया जा सकता है जिससे खिलाड़ी तटस्थ ध्वज तले खेलेंगे।’

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