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Dharma Sansad: ‘धर्म संसद’ का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 76 वकीलों ने CJI को लिखी चिट्ठी

Dharma Sansad
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नई दिल्ली: बीते सप्ताह हरिद्वार और दिल्ली में धर्म संसद(Dharma Sansad) के दौरान भड़काउ भाषण देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी लिखने में वरिष्ठ अधिवक्ता और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण,दुष्यंत दवे,वृंदा ग्रोवर और कई और वकील शामिल थे।

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मुख्य न्यायाधीश को लिखे चिट्ठी में कहा गया है कि 3 दिनों तक चलने वाले धर्म संसद के भाषणों में खुलेआम एक पूरे समुदाय की हत्या के लिए आह्वान किया गया है।  

चिट्ठी में आगे कहा गया, ‘हाल के भाषण इसी तरह के भाषणों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा है जो हमने अतीत में देखे हैं। इन भड़काऊ भाषणों के संबंध में आईपीसी के 153, 153ए, 153बी, 295ए, 504, 506, 120बी, 34 के प्रावधानों के तहत कोई प्रभावी कार्रवाई नही की गई। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। हमें यह भी सूचित किया गया है कि इस संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कुछ याचिकाएं भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचार के लिए लंबित हैं।’

वकीलों द्वारा चिट्ठी में मुख्य न्यायधीश से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की गई है और कहा है कि ‘हम राज्य (State) के न्यायिक विंग के प्रमुख के रूप में आपकी क्षमता में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद करते हुए आपको लिख रहे हैं और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ-साथ एक बहुसांस्कृतिक राष्ट्र के कामकाज के लिए मौलिक संवैधानिक मूल्यों दोनों के लिए आपकी प्रतिबद्धता को जानते हैं।

बता दें चिट्ठी मेंसांप्रदायिक भाषणों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम है: स्वामी प्रबोधानंद गिरि, यति नरसिंहानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, प्रेमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ पूजा शकुन पांडेय, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाणके

क्या है पूरा मामला ?

17 से 19 नवंबर तक हरिद्वार में धर्म संसद (Dharma Sansad) का आयोजन किया गया। इस संसद में कई सांप्रदायिक भाषण दिए गए।

इस ‘संसद’ में  हिंदू रक्षा सेना के प्रमुख स्वामी प्रबुधानंद, बीजेपी महिला मोर्चा नेता उदिता त्यागी, बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय, जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा के लोग शामिल थे।

इस धर्म संसद में एक और नाम शामिल था। नाम यति नरसिंहानंद। ये वही नरसिंहानंद हैं जिन्होंने बीते सप्ताह वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन करा उनका नाम जितेंद्र नारायण त्यागी कर दिया। यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना मंदिर में पीठाधीश हैं।

धर्म संसद 3 दिनों तक चला जिसमें कई हिंदू नेताओं ने हिंदू राष्ट्र बनाने की बात की।17 से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस संसद में लोगों को हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई गई।

‘मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों न कर दो फिर भी शस्त्र उठाऊंगी’, हरिद्वार के ‘धर्म-संसद’ में उन्मादी शपथ

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