New Delhi: उच्च न्यायालय में जजों की नियुक्ति के मामले में शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर सेलेक्टिव नियुक्ति करने पर नाराज़गी जताई है। 8 दोहराए गए नामों पर भी नियुक्ति नहीं करने पर शीर्ष न्यायालय ने फटकार लगाई। गुजरात और दिल्ली उच्च न्यायालय के जजों के ट्रांसफर पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर टिप्पणी की गई। अदालत ने कहा कि यह देश में गलत संदेश देता है।
शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को कॉलेजियम की सिफारिशों पर अमल करने के लिए और समय दिया। और कहा कि केंद्र सरकार इसका समाधान लेकर आए। अब इस मामले में पांच दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
उच्च न्यायपालिका में शीर्ष न्यायालय कॉलेजियम से हुई सिफारिशों के बावजूद जजों की नियुक्ति में हो रही देरी से नाराज शीर्ष न्यायालय ने कहा कि ये अच्छे संकेत नहीं हैं। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि जजों की नियुक्ति और तबादले भी सरकार अपनी पसंद-नापसंद के अनुसार कर रही। हमने इसके लिए सरकार को पहले भी आगाह किया है। अभी भी इलाहाबाद, दिल्ली, पंजाब और गुजरात हाईकोर्ट में जजों के तबादले की सिफारिश वाली फाइल सरकार ने लटका रखी है। गुजरात उच्च न्यायालय में तो 4 जजों के तबादले लंबित हैं। इन पर सरकार ने कुछ भी नहीं किया।
अटॉर्नी जनरल ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में व्यस्तता के कारण से ऐसा हुआ है। सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं थी। हमने सरकार को सूचित कर रखा है। इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि हमने हाई कोर्ट्स में चौदह जजों की नियुक्ति की सिफारिश की है। किंतु, नियुक्ति सिर्फ गुवाहाटी हाईकोर्ट में हुई।
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