सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संसद भवन पर शेर की याचिका टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा की भारत के नए संसद भवन पर लगाई गई शेर की मूर्ति कानून का किसी भी तरह उल्लंघन नहीं करती है और साथ ही कोर्ट ने आक्रामक मूर्ति के दावे पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यक्ति के दिमाग पर निर्भर करता है की वह मूर्ति को कैसे देखता है। दरअसल, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के तहत संसद भवन पर शेर की मूर्ति स्थापित की गई थी। जिसके बाद कई राजनीतिक दलों की तरफ से भी इसपर लगातार सवाल उठाए गए थे।
विपक्ष का दावा शेर आक्रामक है
याचिका में विपक्षी दलों की तरफ से कहा गया कि प्रतीक में शामिल शेर क्रूर और आक्रामक नजर आ रहे हैं, जिनका मुंह खुला हुआ है और दांत दिख रहे हैं। जबकि, सारनाथ में मूर्ति के शेर शांत नजर आ रहे हैं। आगे कहा गया है कि चारों शेर बुद्ध के विचार दिखाते हैं। याचिका के अनुसार, यह महज एक डिजाइन नहीं है, इसका अपना सांस्कृतिक महत्व है।