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राजीव गांधी, ‘एक नेता जिसकी दिल्चस्पी हवाई जहाज उड़ाने में थी, लेकिन फिर राजनीति में आना पड़ा’

Rajiv Gandhi

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नई दिल्ली: आज कांग्रेस पार्टी ने राजीव गांधी की 77वीं जयंती पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी। कांग्रेस पार्टी इस दिन को सदभावना दिवस के रुप में मनाती है। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अप्रित की। कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल से अनेक ट्वीट में राजीव गांधी द्वारा कही गई बातों को लिखा। 

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पार्टी ने अपने ट्विटर पर राजीव के शब्दों को लिखा, ‘महिलाएं किसी भी देश की सामाजिक चेतना होती हैं। वे हमारे समाजों को एक साथ रखती हैं। शिक्षा हमारे समाज में एक महान तुल्यकारक होनी चाहिए। यह उन मतभेदों को दूर करने का उपकरण होना चाहिए जो हमारी विभिन्न सामाजिक व्यवस्थाओं ने पिछले हजारों वर्षों में पैदा किए हैं।

पार्टी ने राजीव के विचारों को आगे लिखा, ‘मैं युवा हूं और मेरा भी एक सपना है। मैं एक मजबूत, स्वतंत्र, आत्मनिर्भर भारत का सपना देखता हूं और मानव जाति की सेवा में दुनिया के राष्ट्रों की अग्रिम पंक्ति में रखने का सपना देखता हूं।

बता दें यूपी सरकार ने भी राजीव गांधी की जयंती को सदभावना दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया है। यूपी  सरकार ने नोटिस जारी कर इस आदेश की जानकारी दी। आदेश में कहा गया है कि राजीव गांधी के जयंती पर सदभावना दिवस मनाया जाता है। सरकार ने बताया सदभावना दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों में दया की भावना को उजागर करना और हिंसा की प्रवृत्ति को दूर करना है।

राजीव के नाना नेहरु ने रखा था उनका नाम

राजीव गांधी का शुरुआती नाम राजीव रत्न बिरजिस गांधी रखा गया था। हालांकि नेहरु चाहते थे कि उनके नाती का नाम राजीव रत्न बिरजिस नेहरु रखा जाए लेकिन फिरोज गांधी के मना करने पर उनके नाम में नेहरु न लगा कर गांधी लगा दिया गया। वैसे तो राजीव, रत्न और बिरजिस ये सब नेहरु का सुझाया नाम था। कहा जाता है कि राजीव नाम रखने के पीछे नेहरु की मंशा उनके पत्नी के नाम से थी। उनकी पत्नी का नाम था कमला। राजीव का पर्यायवाची कमल होता है, तो राजीव के बहाने नेहरु अपनी पत्नी की यादों को संजोना चाहते थे। रत्न, जवाहर का पर्यायवाची होता है। वहीं बिरजिस एक पारसी शब्द है जिसका अर्थ होता है देवताओं के गुरु।

हवाई जहाज उड़ाते थे राजीव गांधी

कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से बीच में पढ़ाई छोड़ने के बाद राजीव भारत लौट आए। भारत आने के बाद वे दिल्ली के फ्लाइंग क्लब में शामिल हो गए, जहां उन्होंने एक पायलट के रूप में प्रशिक्षिण प्राप्त किया। बाद में उन्होंने वाणिज्यिक उड़ान के लिए लाइसेंस भी प्राप्त किया। वे दिल्ली से जयपुर के लिए घरेलू विमान उड़ाया करते थे। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव को भारतीय राजनीति में आना पड़ा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में राजीव का योगदान

राजीव गांधी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी और संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा दिया। उन्होंने विशेष रूप से कंप्यूटर, एयरलाइंस, रक्षा और दूरसंचार आयात पर कोटा से करों(Taxes) और टैरिफ को कम करने का एक तरीका निकाला था। कम्प्यूटरीकृत रेलवे टिकटों की शुरुआत के बाद भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण उनके प्रधानमंत्री रहते किया गया।

लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम(LTTE) ने करवाई थी राजीव की हत्या

21 मई 1991 को राजीव गांधी फ्लाइट से चेन्नई पहुंचे। राजीव मध्यावधि चुनावों के प्रचार में व्यस्त थे, जिसकी घोषणा अक्टूबर 1990 में वीपी सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार के गिरने के बाद की गई थी। राजीव चेन्नई के श्रीपेरुंबुदूर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में एक रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इस रैली में थेनमोझी राजारत्नम उर्फ धनु नाम की महिला भी थी। धनु के पास बेल्ट बम था जिसे उसने पीठ के निचले हिस्से में छुपा रखा था। राजीव को माला पहनाने के दौरान धनु राजीव के पैरों को छूने के लिए झुकी और बम का स्वीच दबा दिया। इसके बाद सबकुछ इतिहास बन गया।

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