इसमें कोई शक की बात नहीं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां भी जाते हैं लोगों के बीच अपनी अलग छाप छोड़ने का दम रखते हैं इसलिए ही तो उन्हें नेताओं की श्रेणी में वैश्विक रेटिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है। दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पीएम मोदी जिस भी देश में जाते हैं भारत का कद उतना ही उंचा हो जाता है अभी हाल ही में मोदी Uzbekistan के SCO समिट की बैठक में शामिल हुए जहां भारत के अलावा चीन और रूस जैसी महाशक्तियां भी मौजूद हुईं थी। उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन(SCO) इस शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने एक द्विपक्षीय वार्ता के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाया था। जिसे कई पश्चिमी देशों ने सराहा था।
SCO शिखर में मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाया था जिसे कई पश्चिमी देशों ने सराहा था। इसमें सबसे पहले अमेरिका का बयान सामने आया था। मोदी ने इस शिखर सम्मेलन में वहां की मीडिया के बीच काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इस शिखर सम्मेलन में मोदी ने अपनी ऐसी छाप छोड़ी कि बड़े देशों के नेताओं ने भी भारत के प्रधानमंत्री ने नरेंद्र मोदी को खूब सराहा है।
Uzbekistan में हुए शंघाई सहयोग संगठन(SCO) शिखर सम्मेलन में दुनियाभर के नेताओं ने शिरकत की थी लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियां भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने बटोरी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रतिनिधि ने भी मोदी की काफी तारीफ की है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का वक्त नहीं है और उनकी यह बात एकदम सही थी। मैक्रों ने अपने संबोधन में कहा, ”भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है।
यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है। यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें।” उन्होंने कहा, ”इसीलिए उत्तर और दक्षिण के बीच नए समझौतों की सख्त जरूरत है। एक ऐसा समझौता, जो खाद्यान्न, शिक्षा और जैव विविधता के क्षेत्र में हो। यह सोच को सीमित करने का नहीं, बल्कि साझा हितों के लिए खास कार्रवाई करने के वास्ते गठबंधन बनाने का है।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने SCO समिट शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति का पाठ पढ़ाते हुए समझाया था कि ”आज युद्ध का युग नहीं है।” इसके अलावा, मोदी कई बार पुतिन से फोन पर भी युद्ध के संबंध में बातचीत कर चुके हैं। इस दौरान वह लोकतंत्र, कूटनीति और बातचीत के महत्व के रेखांकित कर चुके हैं। इसपर पुतिन ने मोदी से कहा था कि वह ‘यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर अपनी स्थिति और उन चितांओ के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, जिनके संबंध में मोदी अक्सर बात करते हैं।’ पुतिन ने कहा था, ”हम इसे जल्द रोकने की कोशिश करेंगे।” इसी को लेकर अमेरिका के राष्ट्रीय सलाहकार जेक सुलिवन के साथ साथ वहां की मीडिया ने भी मोदी की खूब प्रशंसा की थी।
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