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साल के अंतिम रविवार में पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’, कहीं ये बातें

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पीएम मोदी ने साल के अंत में आज अपनी मन की बात करते हुए साल 2022 में भारत की उपलब्धियां गिनाते हुए जनता के बीच अपनी आवाज़ पहुंचाते हुए कहा कि यह इस साल का उनका आखिरी ‘मन की बात’ भी रहा।(PM Modi Mann Ki baat) प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 98वीं जयंती पर उनको याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने संबोधन में गुजरते साल को विदाई देते हुए इस वर्ष भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया उन्होंने कहा कि अद्भुत रहा साल 2022, भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए, ‘अमृत काल’ शुरू हुआ। भारत ने इस साल तेजी से प्रगति की और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।

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मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा, विदेश नीति और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित हर क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। मैं उनकी 98वीं जन्म जयंती पर उन्हें विनम्रता पूर्वक नमन करता हूं। पीएम ने कहा कि ‘मन की बात’ का अगला एपिसोड वर्ष 2023 का पहला एपिसोड होगा।(PM Modi Mann Ki Baat Speech Today) अतीत का अवलोकन तो हमेशा हमें वर्तमान और भविष्य की तैयारियों की प्रेरणा देता है। 2022 में देश के लोगों का सामर्थ्य, उनका सहयोग, उनका संकल्प, उनकी सफलता का विस्तार इतना ज्यादा रहा कि ‘मन की बात’ में सभी को समेटना मुश्किल होगा। साल 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा वह है, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का विस्तार।

मेडिकल साइंस और भारतीय चिकित्सा पद्धति पर भी बात की और कहा कि भारत ने इस साल चिकित्सा के क्षेत्र में भी काफी उन्नति हासिल की है। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में मां गंगा और ‘नमामि गंगे’ की बात को भी रखा और कहा कि , ‘हमारी परंपरा और संस्कृति का मां गंगा से अटूट नाता है। ऐसे में सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. इसी उद्देश्य के साथ, आठ साल पहले हमने, नमामि गंगे अभियान की शुरुआत की थी। हम सभी के लिए यह गौरव की बात है, कि, भारत की इस पहल को आज दुनियाभर की सराहना मिल रही है।

खुशी की बात है कि पूरे विश्व के 160 ऐसे इनिशिएटिव में नमामि गंगे को यह सम्मान मिला है। वे पेड़ लगाने, घाटों की सफाई, गंगा आरती, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग और कविताओं के जरिए जागरूकता फैलाने में जुटे हैं. इस अभियान से जैव विविधता में भी काफी सुधार देखा जा रहा है. हिल्सा मछली, गंगा डॉल्फिन और कछुवों की विभिन्न प्रजातियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. गंगा का पारिस्थितिक तंत्र साफ होने से, आजीविका के अन्य अवसर भी बढ़ रहे हैं।’

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