Menstrual Leave: पिछले कुछ सालों से मासिक धर्म के प्रति बढ़ती जागरूकता और अधिक व्यापक शिक्षा की वजह से इस दृष्टिकोण को लेकर संवेदनशीलता बढ़ती जा रही है। एक समय था जब मासिक धर्म के बारे में खुली चर्चा करना बहुत मुश्किल हुआ करता था। जिसके कारण कई महिलाएं चुपचाप पीड़ित बन जाती हैं, और आराम के अधिकार की मांग करने के बजाय अपने दर्द का खुलासा नहीं करने का विकल्प चुनती थी। लेकिन अब वक्त बदल रहा है। लोग इसपर खुले मन से बातचीत भी कर रहे हैं।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एंड ज्यूडिशियल एकेडमी, असम ने आधिकारिक तौर पर कैंपस में छात्राओं के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति पेश की है। इस नीति के अनुसार, छात्राएं एक आवेदन जमा करके मासिक धर्म अवकाश का अनुरोध कर सकती हैं। इसके लिए छुट्टियाँ चिकित्सा अवकाश नीतियों के अनुसार दी जाएंगी, जिसके लिए छात्रों को न्यूनतम 65% उपस्थिति बनाए रखना आवश्यक है।
स्टूडेंट बार काउंसिल के संयुक्त सचिव ने कहा, “इस पहल का उद्देश्य हमारी महिला छात्रों के स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन करना है, मासिक धर्म के दौरान उनके सामने आने वाली अनूठी जरूरतों और चुनौतियों को स्वीकार करना है। एनएलयूजेए एक समावेशी और सहायक शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
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