जज की नियुक्ति पर रिट याचिका दायर करने पर वकील को लगा 5 लाख का जुर्माना, कोर्ट ने कहा, न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया एक प्रसिद्ध स्थापित प्रक्रिया है

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नई दिल्ली: तेलंगाना राज्य के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में एक न्यायिक अधिकारी को नियुक्त करने के प्रस्ताव के खिलाफ एक वकील की याचिका को खारिज करते हुए कहा सुप्रीम कोर्ट ने कहा सिस्टम में पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं।

अधिवक्ता बी. शैलेश सक्सेना ने एक रिट याचिका दायर कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव के संबंध में उनके द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की है।

जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा है कि यह रिट याचिका संबंधित न्यायिक अधिकारी को परेशान करने और अदालती कार्यवाही का दुरुपयोग करने के लिए दायर कानून का घोर दुरुपयोग है। इसके साथ ही कोर्ट ने अधिवक्ता बी. शैलेश सक्सेना को 5 लाख रुपये का जुर्माना भी देने के आदेश दिए हैं।

अधिवक्ता बी. शैलेश सक्सेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया एक प्रसिद्ध स्थापित प्रक्रिया के तहत है। जहां उच्च न्यायालय का कॉलेजियम नामों की सिफारिश करने पर विचार करता है और न्यायिक अधिकारियों के मामले में वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर विचार करता है । इसके बाद, प्रस्तावित आईबी इनपुट और अन्य इनपुट प्राप्त किए जाते हैं और सरकार नामों को संसाधित करती है। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को नाम की सिफारिश करने या न करने पर निर्णय लेने से पहले सभी सामग्री का लाभ मिलता है। उसके बाद नियुक्ति वारंट जारी करके नियुक्ति की जाती है। इस प्रकार प्रणाली में पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं’।