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मानवाधिकार पर भारत का अमेरिका को करारा जवाब, अपने गिरेबान में भी झांकने की जरूरत

मानवाधिकार पर भारत
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भारत में मानवाधिकार उल्लंघन (Human Rights Violations) के आरोपों पर भारत ने अमेरिका को करारा जवाब दिया है। वॉशिंगटन में विदेशमंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने अमेरिका को नसीहत देते हुए अपने यहां मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की याद दिलाई।

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भारत दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने को लेकर चर्चा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) के मानवाधिकार पर नसीहत से थोड़ा असहज हो गया था। एंटनी ने कहा कि अमेरिका भारत सरकार, पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के हनन के मामलों की निगरानी कर रहा है।

इसके बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पलटवार किया और कहा कि अमेरिकी को लेकर भी भारत लगातार नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका को लेकर भी हमारी चिंता भी ठीक उसी तरह से है जैसे अमेरिकी की है।

मानवाधिकार पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि अमेरिका पर खुद ही मानवाधिकार के मामलों में उल्लंघन के आरोप हैं। निजी हित, लॉबी और वोटबैंक के जरिए अमेरिकी स्थिति संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जब भी इसपर चर्चा होगी तो भारत इसपर चुप नहीं रहेगा।

विदेश मंत्री ने कहा कि लोगों को हमारे बारे में विचार रखने का अधिकार है। हम उनकी लॉबी और वोटबैंक के बारे में विचार रखने के भी हकदार हैं। हम मितभाषी नहीं होंगे। हमारे पास अन्य लोगों के मानवाधिकारों पर भी विचार हैं, खासकर जब यह हमारे समुदाय के संबंधित है।

बता दें कि यूक्रेन मुद्दे पर भारत के तटस्थ रूख अपनाने और रूस के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने से अमेरिका भारत पर अन्य तरीकों से दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में अमेरिका ने भारत को धमकी देते हुए कहा था कि यदि भारत रूस से सस्ते दामों पर तेल खरीदता है और अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करता है तो भारत को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।

बाद में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा था कि जितना तेल भारत एक महीने में नहीं आयात करता है, उससे ज्यादा तो यूरोप एक दोपहर में खरीद लेता है।

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