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गलवान के कमांडर को ओलंपिक टॉर्च देने पर भड़का भारत, किया ये बड़ा फैसला, अमेरिकी सीनेट कमेटी ने भी बताया शर्मनाक

Olympic Torch Bearer
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गलवान घाटी की झड़प में शामिल सैनिकों को ओलंपिक टॉर्च बियरर बनाए जाने पर भारत ने अपना रुख कड़ा किया है। भारत सरकार ने ओलंपिक उद्घाटन और समापन समारोहों में अपने दूत को न भेजने का फैसला किया है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरंदिम बागची ने इस संदर्भ में कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन ने ओलंपिक का भी राजनीतिकरण करने का फैसला लिया है। भारतीय दूत बीजिंग विंटर ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे।”

साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहिद हो गए थे। वहीं चीन ने दावा किया था कि उसके 4 सैनिकों की मौत हुई थी। हालांकि कई रिपोर्टस् में चीन के इस दावे को गलत पाया गया है। बताया जाता है कि चीन की ओर से मारे गए सैनिकों की संख्या 30 से 40 के आसपास थी।

यहां भी पढ़ें: भारत-चीन झड़प: चीन की तरफ़ से 4 चीनी सैनिकों के मौत का आंकड़ा गलत, हुआ था 9 गुना ज्यादा नुकसान- रिपार्ट

बुधवार को बीजिंग विंटर ओलंपिक की पारंपरिक मशाल रिले में गलवान हिंसा में शामिल एक सैनिक की फ़बाओ को शामिल किया गया था। यह सैनिक झड़प में घायल हुआ था।

दूरदर्शन भी नहीं करेगा लाइव प्रसारण

विदेश मंत्रालय के भारतीय दूतों को उद्घाटन और समापन में ने शामिल होने के इस फ़ैसले के बाद प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर ने ट्वीट कर कहा है कि दूरदर्शन का स्पोर्ट्स चैनल बीजिंग विंटर ओलंपिक के उदघाटन और समापन समारोह का लाइव प्रसारण नहीं करेगा।

अमेरिकी सीनेट कमेटी ने बताया शर्मनाक

वहीं अमेरिकी सीनेट कमेटी ने भी चीन के गलवान के कमांडर को टार्च बियरर बनाए जाने को शर्मनाक बताया है।

इस कमेटी के प्रमुख सीनेटर जिम रिश ने ट्वीट कर कहा, ‘’यह शर्मनाक है कि चीन ने ओलंपिक 2022 के लिए एक ऐसे टॉर्च बियरर को चुना जो भारत में साल 2020 में हुए हमले के दौरान सैन्य टुकड़ी में शामिल था। चीन वीगरों के ख़िलाफ़ नरसंहार करता है।‘’

‘’अमेरिका वीगरों का समर्थन जारी रखेगा और और हम भारत की संप्रभुता का समर्थन करते हैं।‘’

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