Advertisement
राष्ट्रीय

राजीव गांधी ने हॉकी स्टिक नहीं उठाई, तो मोदी ने क्रिकेट में क्या कमाल किया है- शिवसेना

Share
Advertisement

मुंबई: शिवसेना ने भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने खेल पुरस्कार का नाम बदले जाले को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में केंद्र सरकार पर राजनीति और बदले की भावना और विद्वेष रखने का इल्जाम लगाया है।

Advertisement

केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया था।

सामना ने अपने संपादकीय में लिखा है, “मेजर ध्यानचंद का सम्मान राजीव गांधी के बलिदान का अपमान किए बिना भी किया जा सकता था। हिन्दुस्तान अपनी वो परंपरा और संस्कृति खो चुका है। आज शायद ध्यानचंद भी वही महसूस कर रहे होंगे।”

मुखपत्र सामना में आगे लिखा है, “आज ऐसे समय जब पूरा देश टोक्यो ओलंपिक मे भारत के उम्दा प्रदर्शन से स्वर्णिम घड़ी का उत्सव मना रहा है, खुश है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर भी एक राजनीतिक खेल खेला है। इस राजनीति के खेल की वजह से बहुत लोगों का दिल दुखा है।”

सामना ने अपने संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर सीधा वार किया है।

मुखपत्र में लिखा है कि सरकार ने दावा किया है कि नाम बदलने का फ़ैसला देश की जनभावना के तहत किया गया है, लेकिन इसे लेकर तो कोई विवाद है ही नहीं क्योंकि कांग्रेस भी यही किया करती थी।

सामना ने लिखा है, “अमित शाह की बात सौ फ़ीसदी सही हैं। उनके बयान पर बहस का न तो कोई मतलब है और न ही कोई तुक, क्योंकि पिछले 70 सालों में कांग्रेस सरकारों ने नेहरू, गांधी, राव, मनमोहन, मोरारजी, देवेगौड़ा, गुजराल, चंद्रशेखर के किए गए कामों को चमकाने का काम किया है।”

सरकारें बदले और विद्वेष की भावना से नहीं चलतीं

  • उसने आगे लिखा है, “सरकारें बदले और विद्वेष की भावना से नहीं चलतीं हैं, और ये भी एक जनभावना है जिसका ध्यान किया जाना चाहिए।”
  • नाम बदलने पर आगे सवाल खड़े करते हुए शिवसेना ने लिखा है, “भाजपा के राजनीतिक खिलाड़ी कह रहे हैं कि क्या राजीव गांधी ने कभी अपने हाथ में हॉकी उठाई थी? सवाल बिल्कुल वाजिब है, लेकिन अहमदाबाद में जब सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी पर रखा गया तो क्या उन्होंने भी क्रिकेट में कुछ कमाल किया था। और जब दिल्ली में फिरोज़ शाह कोटला स्टेडियम का नाम अरूण जेटली पर रखा गया। वहां पर भी यही मापदंड लागू हो सकता है। लोग ये सवाल पूछ रहे हैं।”

लोकतंत्र का मजाक बना रही है सरकार

  • सामना का लेख यहां पर भी नहीं थमा, “पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या आतंकवादियों ने की। राजीव गांधी की जान भी एक आतंकवादी हमले में गई। उनके साथ अवश्य ही विचारों में मतभेद हो सकता है। लोकतंत्र में मतभेद की जगह है, लेकिन दोनों प्रधानमंत्रियों के बलिदान को, जिन्होंने इस देश की प्रगति में बड़ा योगदान दिया है, मज़ाक नहीं बनाया जा सकता।”
  • साथ ही ये भी कहा, “राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखना केवल और केवल एक राजनीतिक खेल है, जनभावना नहीं।”

Recent Posts

Advertisement

MI vs KKR: मुंबई की शानदार गेंदबाजी, कोलकाता ने 20 ओवर में 169 रन बनाए…वेंकटेश ने जड़ा अर्धशतक

MI vs KKR: कोलकाता नाइट राइडर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 169…

May 3, 2024

Ayodhya: पाकिस्तान से आए 235 हिन्दूओं ने किया रामलला का दर्शन पूजन

Ayodhya: भगवान राम लला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से देश और…

May 3, 2024

4 जून को 4 बजे 400 पार होने के बाद चाहे ओवैसी हों, अखिलेश हों या राहुल ये सब जय श्री राम बोलेंगे- केशव प्रसाद मौर्य

Lok Sabha Election 2024: फिरोजाबाद में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक…

May 3, 2024

Lakhimpur Kheri: तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक को मारी टक्कर, 1 की मौत, 2 की हालत गंभीर

Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी के निघासन में तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक को टक्कर मार…

May 3, 2024

जीतू पटवारी के विवादित बयान पर CM मोहन यादव बोले- महिलाओं का अपमान करना कांग्रेस का चरित्र

CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवार ने पूर्व मंत्री इमरती देवी के…

May 3, 2024

बिहार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने जकार्ता फ्यूचर्स फोरम को किया संबोधित

Jakarta: ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए भारत और बिहार दोनों में…

May 3, 2024

This website uses cookies.