सु.कोर्ट कॉलेजियम का ऐतिहासिक फैसला, इलाहाबाद को 16 व अन्य 12 हाईकोर्ट को मिलेंगे 68 जज
नई दिल्ली। शीर्ष अदालत की कॉलेजियम ने देश में पहली बार एक साथ आठ उच्च न्यायालयों के चीफ जस्टिस की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इसके अलावा कॉलेजियम ने करीब दो दर्जन उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के स्थानांतरण को भी अपनी मंजूरी दे दी है।
शीर्ष न्यायालय का यह निर्णय ऐतिहासिक है, क्योंकि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कॉलेजियम ने एक साथ इतनी संख्या में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी हो।
तीन जजों के कॉलेजियम ने लिया निर्णय
CJI एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाले तीन जजों के कॉलेजियम ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा विभिन्न उच्च न्यायालयों के चार मुख्य न्यायधीशों का भी स्थानांतरण भी किया। इस कॉलेजियम में CJI एन वी रमन्ना के अलावा जस्टिस उदय यू ललित और ए एम खानविलकर शामिल हैं।
कई न्यायाधीशों का हुआ तबादला
जजों की नियुक्ति और तबादले का फैसला गुरुवार और आज यानि शनिवार को हुई बैठक में लिया गया। ख़बर है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल का तबादला, इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर, त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी का स्थानांतरण राजस्थान हाईकोर्ट के लिए हुआ है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मेघालय, गुजरात और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट को भी नए मुख्य न्यायाधीश मिलेंगे।
इलाहाबाद के लिए 16 व अन्य 12 हाईकोर्ट को मिलेंगे 68 जज
गौरतलब है कि देश में स्थित कई उच्च न्यायालयों में न्यायधीशों की कमी है। जिससे कई मुकदमे लंबे समय तक लंबित रहते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 160 न्यायाधीशों की नियुक्ति को स्वीकृति दी गई है, लेकिन इस वक्त वहाँ केवल 93 जजों से काम चल रहा है।
देशभर के हाईकोर्ट में उच्च न्यायालयों के रिक्त पदों को भरने के लिए कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए 16 जज और 12 अन्य उच्च न्यायालयों में 68 जजों को नियुक्त करने के लिए कई नाम भेजे थे।
3 महिला जज समेत सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों को दिलाई गई थी शपथ
इससे पहले शीर्ष न्यायालय में भी एक साथ नौ जजों की नियुक्ति की गई थी और देश में पहली बार इतने जजों की एक साथ इतनी बड़ी नियुक्ति हुई थी और उसके बाद शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन भी किया गया था। इन नौ नए जजों में तीन महिला जज भी शामिल थीं। बता दें, शीर्ष अदालत में CJI रमन्ना को मिलाकर जजों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है, जबकि स्वीकृत संख्या 34 है।