पूरे साल भर बाद भी डटे हैं किसान, सब कुछ वही बस मांग नई!
नई दिल्ली: किसान आंदोलन को एक साल पूरा हो गया है और तक किसान नेताओं ने इसे खत्म करने को लेकर कोई सूचना नही दी है। किसान आंदोलन ने धूप, सर्दी बारिश और आंदोलन पर कई दाग लगने का दंश झेला। किसानों की मांग थी कि सरकार तीनों कृषि कानून को वापस ले। लेकिन अब जब सरकार ने सारे कानून वापस ले लिए तो किसानों ने अपनी मांग की पोटली से नई मांग निकाली। नई मांग है MSP पर कानून।
MSP के साथ किसानों ने आंदोलन के दौरान मृत किसानों के मुआवजे को भी अपनी मांगों में शामिल किया है। इसके अलावा किसानों ने लखीमपुर कांड के आरोपी के पिता और मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की बात की थी। किसानों पर मुकदमें हटाने से लेकर पराली और बिजली बिल माफ करना भी मांगों का हिस्सा है।
वापस लिया जा सकता है आंदोलन
लेकिन जानकारी के अनुसार किसानों का एक बड़ा हिस्सा आंदोलन वापस लेने के पक्ष में है। ख़बर लिखने तक जानकारी आ रही है कि संयुक्त किसान मोर्चा के किसान सरकार के प्रस्ताव को मानने के लिए राजी है। इससे आंदोलन के खत्म होने की आशंका और तेज़ हो गई है।
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा के दलों में से एक जय किसान आंदोलन की जौनपुर इकाई ने आंदोलन को MSP मिलने तक जारी रखने का ऐलान किया है। जय किसान आंदोलन, संयुक्त किसान मोर्चे और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविक साहा ने कहा: “किसान आंदोलन में कानून-वापसी के बाद जीत के जश्न के दौरान हमें काफी सजग रहना होगा। हमे ध्यान रखना होगा कि हम किसान आंदोलन की अन्य अधूरी माँगों पर लगातार संघर्षरत हैं।
जय किसान आंदोलन ने कहा कि एमएसपी नहीं तो आंदोलन वहीं। इसके साथ ही जय किसान आंदोलन के नेताओं द्वारा कहा गया कि आंदोलन MSP मिलने तक जारी रहेगा।